केंद्र और उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार है। लेकिन विडंबना है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थि विसर्जन के कार्यक्रमों पर हुए खर्च के भुगतान में उत्तर प्रदेश सरकार देरी कर रही है। वाजपेयी तीन बार लखनऊ से सांसद रहे। खर्च भुगतान की फाइल पिछले एक साल से विभागों में घूम रही है।
बताया जा रहा है कि इस खर्च का भुगतान उत्तर प्रदेश के सूचना विभाग को करना है। लखनऊ डेवलपमेंट अथॉरिटी पिछले एक साल खर्च भगुतान के लिए सरकार को पत्र लिख रही है, लेकिन बजट आवंटित नहीं किया गया है।
एलडीए का कहना है कि पूर्व पीएम वाजपेयी के अस्थि विसर्जन कार्यक्रमों में 2.54 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी का उत्तर प्रदेश से गहरा नाता रहा है। ये बात किसी से छुपी नहीं, लेकिन उनकी मृत्यु के बाद लखनऊ में अस्थि विसर्जन का खर्च कोई विभाग उठाने को तैयार नहीं है।
ये जानकर हैरानी होगी की विसर्जन में हुए खर्च हुए 2.54 करोड़ रुपये की फाइल पिछले 1 साल से एक आफिस से दूसरे आफिस घूम रही है। फिर भी कोई बजट देने को तैयार नहीं था। मीडिया में छपी तो सरकार के अधिकारियों के होश उड़ गए और मामले को जल्द निपटाने की कोशिशें शुरू हो गईं। अब सूचना विभाग ने तय किया है कि वह अटल के अस्थि विसर्जन कार्यक्रमों पर हुए खर्च का भुगतान करेगा।वाजपेयी के अस्थि विसर्जन का कार्यक्रम लखनऊ के गोमती नदी के तट पर हुआ था।
कांग्रेस ने इस मुद्दे पर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस विधायक अजय लल्लू ने कहा, ‘बीजेपी अटल जी के नाम का हर जगह इस्तेमाल करती है। उनके नाम पर राजनीति करती है लेकिन अब बीजेपी की ही सरकार में अटल की अस्थि विसर्जन का खर्च कोई उठाने को नहीं तैयार है। ये शर्म की बात है। वह नेता क्यों चुप हैं जिन्होंने लखनऊ में हमेशा अटल जी के नाम पर वोट मांगा।
राजधानी के झूले लाल पार्क घाट पर किए गए विसर्जन में खर्च हुए 2.54 करोड़ रुपये का हुआ था
राजधानी के झूले लाल पार्क घाट पर किए गए विसर्जन में खर्च हुए 2.54 करोड़ रुपये का हुआ था। फाइल पिछले 1 साल से एक ऑफिस से दूसरे ऑफिस घूम रही थी। फिर भी कोई बजट देने को तैयार नहीं है। 23 अगस्त 2018 को राजधानी लखनऊ के हनुमान सेतु के पास गोमती नदी के किनारे कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
कुल दो करोड़ 54 लाख 29 हजार 250 रुपये खर्च हुआ था। जिसमें स्टेज, साउंड सिस्टम, लाइटिंग, टेंट, बैरीकेडिंग सहित तमाम कामों में यह रकम खर्च हुई थी। एलडीए की ओर से ये व्यवस्था की गई थी। किसके आदेश पर ये व्यवस्था की गई, ये कोई भी आधिकारिक तौर पर बताने को तैयार नहीं था।
तत्कालीन गृहमंत्री व वर्तमान में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह खुद विशेष विमान से अटल की अस्थियां लेकर लखनऊ आए थे
अटल बिहारी वाजपेयी की मृत्यु के बाद तत्कालीन गृहमंत्री व वर्तमान में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह खुद विशेष विमान से अटल की अस्थियां लेकर लखनऊ आए थे। लखनऊ एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल राम नाइक, डिप्टी सीएम केपी मौर्य व दिनेश शर्मा सहित योगी सरकार के तमाम मंत्री मौजूद थे।
एलडीए के सचिव एमपी सिंह ने 9 जनवरी 2019 को शासन को पत्र लिखा जिस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई, तो 15 मार्च 2019 को उन्होंने फिर शासन को बजट देने के लिए पत्र लिखा गया।
इस पर शासन के संबंधित सूचना विभाग ने 15 मई 2019 को भेजे पत्र में जवाब दिया कि इस तरह के आयोजन व कार्यक्रम के खर्च के लिए बजट में कोई व्यवस्था नहीं है। एलडीए सचिव एमपी सिंह के मुताबिक पेमेंट के लिए लगातार लिखा पढ़ी की जा रही है। सूचना विभाग से ही पैसा मिलना है। वित्त विभाग ने भी आपत्तियां लगायी हैं। बजट न मिलने से कार्यक्रम आयोजित करने वाली कम्पनी को पैसा नहीं दिया जा सका है। अब निदेशक सूचना शिशिर ने इस संबंध में बुधवार को सचिव एलडीए एमपी सिंह को पत्र लिखा है कि सूचना विभाग इसका खर्च उठाएगा। जल्द ही भुगतान प्रक्रिया शुरू होगी।