उत्तर प्रदेश: आईएएस रजनीश दुबे के खिलाफ महिला अधिकारी के उत्पीड़न की होगी जांच, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के जांच समिति का हुआ गठन

By राजेंद्र कुमार | Published: November 17, 2023 05:56 PM2023-11-17T17:56:15+5:302023-11-17T17:58:00+5:30

प्रीम कोर्ट के आदेश पर अब योगी सरकार ने 1988 बैच के आईएएस रजनीश दुबे  के खिलाफ नगर विकास विभाग में कार्यरत एक महिला अधिकारी का उत्पीड़न करने के आरोपों की जांच के लिए समिति गठित कर दी है।

Uttar Pradesh: Investigation will be done against IAS Rajneesh Dubey for harassment of a woman officer, investigation committee formed on the orders of Supreme Court | उत्तर प्रदेश: आईएएस रजनीश दुबे के खिलाफ महिला अधिकारी के उत्पीड़न की होगी जांच, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के जांच समिति का हुआ गठन

उत्तर प्रदेश: आईएएस रजनीश दुबे के खिलाफ महिला अधिकारी के उत्पीड़न की होगी जांच, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के जांच समिति का हुआ गठन

Highlightsआईएएस पर लगे महिला उत्पीड़न के आरोपों की होगी जांचप्रदेश सरकार की जांच में रजनीश दुबे को मिली थी क्लीन चिटअब सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उपीड़न के आरोप की जांच करेगी समिति

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार के सीनियर आईएएस अफसर रजनीश दुबे के खिलाफ एक महिला अधिकारी का उत्पीड़न करने की जांच होगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अब योगी सरकार ने 1988 बैच के आईएएस रजनीश दुबे  के खिलाफ नगर विकास विभाग में कार्यरत एक महिला अधिकारी का उत्पीड़न करने के आरोपों की जांच के लिए समिति गठित कर दी है।

सूबे के नियुक्ति विभाग ने इस मामले में अपर मुख्य सचिव अल्पसंख्यक कल्याण एवं मुस्लिम वक्फ मोनिका एस. गर्ग की अध्यक्षता में समिति बनाकर पूरे प्रकरण की जांच कर दो माह में रिपोर्ट देने को कहा है। सूबे की नौकरशाही में लंबे समय बाद किसी सीनियर आईएएस के खिलाफ ऐसी जांच हो रही है। कहा जा रहा है कि यह जांच रजनीश दुबे की मुश्किलें बढ़ाएगी।

वर्ष 1988 बैच के आईएएस अधिकारी रजनीश दुबे वर्तमान में पशुपालन विभाग में अपर मुख्य सचिव हैं। अगले साल अगस्त में रिटायर होने वाले रजनीश दुबे सूबे के मुख्य सचिव बनने के दावेदारों में एक हैं। उन्हें सीएम योगी आदित्यनाथ का भी नजदीकी अधिकारी माना जाता है। विपक्ष के कई नेताओं से भी उनके मधुर रिश्ते हैं। बताया जा रहा है कि वर्ष 2021 में जब रजनीश दुबे नगर विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव थे, तब एक महिला अधिशासी अधिकारी ने उनके खिलाफ उत्पीड़न की शिकायत की थी।

महिला अफसर की शिकायत पर तब इस मामले की गुपचुप तरीके से जांच कराकर रजनीश दुबे को क्लीन चिट दी गई और रजनीश दुबे को नगर विकास विभाग से हटा भी दिया गया। परंतु प्रदेश सरकार द्वारा कराई गई जांच और रजनीश दुबे का विभाग बदले जाने से उक्त महिला अधिकारी संतुष्ट नहीं हुई और उन्होंने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में गत 18 अक्टूबर को एक आदेश जारी कर कहा कि वरिष्ठ महिला आईएएस अधिकारी मोनिका एस. गर्ग की अध्यक्षता में जांच समिति गठित करते हुए दो माह में रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। शीर्ष अदालत के आदेश के बाद नियुक्ति विभाग ने मोनिका एस. गर्ग को महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 के अनुसार आंतरिक परिवाद समिति का गठन करते हुए समिति का अध्यक्ष नामित किया है।

यह समिति अब इस मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट प्रदेश सरकार और सुप्रीम कोर्ट को सौंपेगी. फिलहाल इस मामले में अभी रजनीश दुबे कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। आईएएस एसोसिएशन के पदाधिकारी भी इस मामले में चुप्पी चुप हैं। 

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