उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल फैसलाः ललितपुर में बनेगा हवाई अड्डा, बुंदेलखंड को तोहफा, जानिए फायदे
By सतीश कुमार सिंह | Published: September 3, 2021 06:15 PM2021-09-03T18:15:05+5:302021-09-03T18:23:48+5:30
Uttar Pradesh cabinet decision: उत्तर प्रदेश के ललितपुर में एक हवाई अड्डा तैयार किया जा रहा है, जो पहले चरण में छोटे विमानों के लिए होगा और आने वाले समय में उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर का हवाई अड्डा बनाया जाएगा।
Uttar Pradesh cabinet decision: उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल ने एक अहम फैसला किया है। योगी सरकार ने कहा कि ललितपुर में हवाई अड्डे का निर्माण कराया जाएगा। ललितपुर हवाई पट्टी को हवाई अड्डे के रूप में विकसित करने की मंजूरी दे दी।
यूपी सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि मंत्रिमंडल की बैठक में ललितपुर में एक हवाई अड्डा बनाने के सिलसिले में भी विभिन्न पहलुओं पर अनुमोदन दिया गया। उन्होंने कहा कि ललितपुर में राज्य का एक हवाई अड्डा तैयार किया जा रहा है, जो पहले चरण में छोटे विमानों के लिए होगा और आने वाले समय में उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर का हवाई अड्डा बनाया जाएगा क्योंकि वहां रक्षा गलियारा (डिफेंस कॉरीडोर) बन रहा है साथ ही वहां ‘ड्रग पार्क’ भी तैयार हो रहा है। उन्होंने बताया इसके मद्देनजर यह हवाई अड्डा बहुत महत्वपूर्ण हो जाएगा।
Delighted to share that the State Cabinet has cleared the proposal of developing Lalitpur Airport for ATR-72 operations. This will be a game changer for the Bundelkhand region & will provide the much needed impetus for the industrial & economic development of the region. pic.twitter.com/AlTuUxbpiy
— SP Goyal (@spgoyal) September 2, 2021
उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव शिव गोयल ने कहा कि यह बताते हुए खुशी हो रही है कि राज्य मंत्रिमंडल ने एटीआर-72 संचालन के लिए ललितपुर हवाई अड्डे को विकसित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए एक गेम चेंजर साबित होगा और इस क्षेत्र के औद्योगिक और आर्थिक विकास के लिए आवश्यक प्रोत्साहन प्रदान करेगा। सरकार ने कहा कि 86.65 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा।
गंगा एक्सप्रेस-वे से जुड़े विभिन्न विषयों को मंत्रिमंडल ने दिया अनुमोदन
गंगा एक्सप्रेस-वे से जुड़े निविदा दस्तावेज समेत विभिन्न विषयों को अनुमोदन प्रदान कर दिया। राज्य सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश को एक हजार अरब डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने में एक्सप्रेस-वे के जाल का बड़ा योगदान होगा।
गंगा एक्सप्रेस-वे किसी राज्य के माध्यम से तैयार हो रहा देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे होगा। उन्होंने बताया कि गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए अब तक 92.02 प्रतिशत भूमि अधिग्रहीत की जा चुकी है इसके लिए निविदा दस्तावेज निकाल रहे हैं। सिंह ने कहा कि यह एक्सप्रेस-वे छह लेन का होगा जिसे आठ लेन तक बढ़ाया जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि इसके अंदर चार पैकेज हैं हर पैकेज की लागत 5000 से लेकर 5800 करोड़ रुपए तक होगी। उनके मुताबिक निविदा की संपूर्ण प्रक्रिया 60 दिनों के अंदर पूरी की जाएगी और आज कैबिनेट में इसका संपूर्ण अनुमोदन दिया है ताकि बार-बार चीजों पर विचार न करना पड़े और इसे विकसित करने का काम तेजी से हो सके।
सिंह ने बताया कि गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण निजी सार्वजनिक भागीदारी यानी पीपीपी मॉडल पर होगा। इस एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की अधिकतम रफ्तार 120 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित की गई है। इस पर हवाई पट्टी भी रहेगी और मुख्यमंत्री ने आज कहा है कि इसके ऊपर औद्योगिक क्लस्टर कहां-कहां बनेंगे यह निर्दिष्ट कर दिया जाएगा।
एक्सप्रेस-वे पर जन सुविधाओं के लिए भी नौ जगह प्रावधान किया गया है। भविष्य में इसे और बढ़ाया जाएगा। उन्होंने बताया कि गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना पर सिविल और निर्माण की अनुमानित कुल लागत 36230 करोड़ रुपए है। सिविल निर्माण पर 19754 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। उन्होंने कहा कि इस पर 2371 करोड़ की जीएसटी भी है। यह कुल मिलाकर 22125 करोड़ हो जाता है और भूमि की खरीद के लिए 9255 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।