BBC डॉक्यूमेंट्री को लेकर डीयू में बवाल, स्क्रीनिंग के दौरान छात्रों को खींचकर ले गई पुलिस, 24 हिरासत में, धारा 144 लागू, देखें वीडियो
By अनिल शर्मा | Published: January 28, 2023 09:13 AM2023-01-28T09:13:02+5:302023-01-28T09:33:49+5:30
दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलसचिव विकास गुप्ता ने कहा कि शुक्रवार को कला संकाय में कुछ बाहरी लोगों ने बीबीसी के विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन का प्रयास किया, जिसके बाद पुलिस को परिसर में कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए बुलाया गया था।
नयी दिल्लीः दिल्ली विश्वविद्यालय में बीबीसी की विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री दिखाए जाने को लेकर शुक्रवार काफी हंगामा हुआ जिसके बाद कैंपस में धारा 144 लगा दिया गया। हालांकि इसके बाद भी ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग कर रहे कुछ छात्रों और विश्वविद्यालय प्रशासन में झड़प हुई जिसके बाद पुलिस ने 24 छात्रों को हिरासत में लिया। पुलिस द्वारा छात्रों खींचकर ले जाते हुए देखा गया। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
सोशल मीडिया पर डीयू के नॉर्थ कैंपस में कुछ छात्र, छात्राओं को विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस द्वारा पकड़ने का वीडियो सामने आया है। छात्र डॉक्यूमेंट्री को देखने पर अड़े रहे, वहीं विश्वविद्यालय ने ऐसा करने से सख्त मना किया था। दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलसचिव विकास गुप्ता ने कहा कि शुक्रवार को कला संकाय में कुछ बाहरी लोगों ने बीबीसी के विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन का प्रयास किया, जिसके बाद पुलिस को परिसर में कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए बुलाया गया था।
दिल्ली पुलिस ने दिल्ली विश्वविद्यालय से विवादित BBC डॉक्युमेंट्री की स्क्रीनिंग के मामले में कुल 24 छात्रों को हिरासत में लिया है। यूनिवर्सिटी प्रशासन का आरोप है कि डीयू कैंपस में बाहर से भी छात्र माहौल ख़राब करने पहुँचे।#BBCdocumentrypic.twitter.com/w5IMPSBJb3
— Manav Yadav (@ManavLive) January 27, 2023
कुलसचिव ने पुलिस द्वारा अनेक छात्रों को हिरासत में लिये जाने के बाद यह बात कही। वहीं पुलिस उपायुक्त (उत्तर) सागर सिंह कलसी ने बताया कि 24 छात्रों को डीयू के कला संकाय से हिरासत में लिया गया और हालात अब सामान्य हो गये हैं। गुजरात में 2002 में हुए दंगों पर बने वृत्तचित्र के प्रदर्शन की अनुमति नहीं मिलने पर कुछ छात्र प्रदर्शन के लिए कला संकाय के बाहर जमा हुए थे और पुलिस को उन्हें खींचकर ले जाते हुए देखा गया। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है।
गुप्ता ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमें पता चला कि कुछ छात्र वृत्तचित्र के प्रदर्शन का प्रयास कर रहे हैं, तो प्रॉक्टर ने पुलिस को सूचित किया। उनमें अनेक बाहरी लोग थे, जिन्होंने फिल्म के प्रदर्शन का प्रयास किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस इलाके में कानून व्यवस्था कायम करने के लिए आई थी।’
दिल्ली यूनिवर्सिटी में जमकर हुआ बवाल, पुलिस ने प्रदर्शनकारीयों को हिरासत में लिया #DelhiUniversity#BBCdocumentrypic.twitter.com/ZWafAspHo2
— Osama Zakaria (@Osama_Zakariaa) January 27, 2023
कलसी ने कहा कि हालात पर निगरानी के लिए पुलिसकर्मी मौके पर हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमें विश्वविद्यालय ने बताया था कि परिसर में शांति भंग होने की आशंका है। उन्होंने हमें पत्र लिखा और हालात से निपटने का आग्रह किया। इसलिए हमने परिसर में प्रवेश किया और हालात को काबू में लाया गया।’’ कलसी ने कहा, ‘‘शाम करीब चार बजे लगभग 20 लोग प्रतिबंधित बीबीसी वृत्तचित्र की स्क्रीनिंग के लिए कला संकाय के बाहर पहुंचे। इससे इलाके में शांति भंग हो सकती थी, इसलिए उनसे वहां से जाने को कहा गया। जब वे नहीं गये तो हमने शांतिपूर्ण तरीके से हिरासत में ले लिया।’’
#BBCdocumentry | High voltage drama at Arts faculty, DU prior to Documentary screening .@NewIndianXpress@TheMornStandard@santwana99pic.twitter.com/Zr927LUE3w
— Amit Pandey (@yuva_journalist) January 27, 2023
इससे पहले विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने दिल्ली पुलिस को पत्र लिखकर प्रस्तावित स्क्रीनिंग की जानकारी दी थी। दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रॉक्टर रजनी अब्बी ने कहा था कि विश्वविद्यालय प्रशासन स्क्रीनिंग नहीं होने देगा और छात्र संगठनों ने इसके लिए अनुमति नहीं मांगी है।
उधर, कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई के पदाधिकारी लोकेश चुग ने बताा कि उनका संगठन पहले ही इसे कैंपसों में दिखाने की घोषणा कर रखा था। हम इसे शांतिपूर्वक दिखाना चाहते थे लेकिन हमारे ऊपर बल प्रयोग किया गया। यह सरकार का तानाशाहीपूर्ण रवैया है। ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन के दिल्ली अध्यक्ष अभिज्ञान के कहा, जिन छात्रों ने डॉक्यूमेंट्री दिखाने की योजना बनाई थी, उन्हें डीयू कला संकाय में पीटा गया। उन्होंने कहा कि जेएनयू से जामिया तक, एयूडी से डीयू तक पूर्ण सैन्यीकरण देख रहे हैं। इसे देखने से रोकना मीडिया और सूचना को मुक्त करने के हमारे अधिकार पर रोक है।
भाषा इनपुट के साथ