उपेंद्र कुशवाहा ने भाजपा को दिया 30 नंबवर तक का अल्टीमेटम, PM मोदी के सामने रखेंगे अपना पक्ष
By एस पी सिन्हा | Published: November 17, 2018 06:33 PM2018-11-17T18:33:59+5:302018-11-17T18:33:59+5:30
उन्होंने कहा कि उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से कई बार मिलने की कोशिश की है, लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई है।
पटना में हुई रालोसपा की राज्य कार्यकारिणी की बैठक के बाद बंद कमरे में केन्द्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कोर कमिटी की सदस्यों से बात की और उसके बाद भाजपा को 30 नवम्बर तक का अल्टीमेटम दिया है और कहा है कि उसके बाद पार्टी फैसला लेने के लिए स्वतंत्र होगी। उन्होंने कहा कि वह अभी एनडीए का हिस्सा बने रहेंगे।
पटना में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद उन्होंने इसकी घोषणा की। हालांकि, उन्होंने कहा कि सीट शेयरिंग पर अंतिम बात होने तक वे एनडीए में रहेंगे। उन्होंने कहा कि उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से कई बार मिलने की कोशिश की है, लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई है। अगर जरूरत पडी तो वे प्रधानमंत्री से मिलकर अपना पक्ष रखेंगे। उपेंद्र कुशवाहा ने आज संवाददाता सम्मेलन कर बताया कि भाजपा की ओर से दिया गया प्रस्ताव पार्टी को मान्य नहीं है। भाजपा को फैसला लेने के लिए 30 नवंबर तक का समय दिया गया है।
उसके बाद पार्टी अपना रुख स्पष्ट करेगी। फिलहाल रालोसपा एनडीए में ही बनी रहेगी। 30 नवंबर के बाद ही पार्टी अपना रुख स्पष्ट करेगी। बता दें कि केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी पार्टी के लिए तीन से अधिक सीटों की मांग की है। जबकि भाजपा ने उनकी मांग को ठुकरा दिया है। सूत्रों का कहना है कि एनडीए से लगभग आउट हो चुके कुशवाहा यदि दो सीट पर राजी हो जाते तो एनडीए में उनकी जगह बनी रहेगी। हालांकि, कुशवाहा इस आंकडे पर तैयार नहीं होंगे। इसी अडचनों के कारण उपेंद्र कुशवाहा की भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात नहीं हो सकी। बता दें कि रालोसपा अध्यक्ष शुक्रवार को अमित शाह से मिलने के लिए दिल्ली में डेरा डाले हुए थे।
उपेंद्र कुशवाहा ने बैठक में लिये गये फैसले के बारे में जानकारी देते हुए संवाददाताओं को बताया कि बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा दिये गये बयान की निंदा करने के साथ माफी मांगने की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि पार्टी का शिक्षा में सुधार कार्यक्रम जारी रहेगा। बैठक में शिक्षा में सुधार कार्यक्रम पर भी चर्चा हुई। साथ ही उन्होंने बताया कि 28 नवंबर को ऊंच-नीच विरोध दिवस मनाने का फैसला बैठक में लिया गया।
इसके बाद उसी दिन बिहार के सभी जिलों में 'शिक्षा जन-जन का अधिकार' हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत होगी। बिहार में कानून-व्यवस्था की हालत खराब बताते हुए उन्होंने कहा कि कई पार्टी नेताओं की हत्या हुई है। कानून-व्यवस्था सुधारने को लेकर मुख्यमंत्री से कार्रवाई करने की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि जदयू अध्यक्ष की ओर से पार्टी तोडने की लगातार कोशिश की जा रही है। ऐसी कोशिश जनतंत्र के लिए पाप है। विधायकों को बुलाकर मंत्री बनाये जाने का प्रलोभन दिया जा रहा है। कुशवाहा ने सीट शेयरिंग को लेकर बताया कि बैठक में सीट शेयरिंग पर भी चर्चा हुई।
उन्होंने बताया कि भाजपा की ओर से दिया गया प्रस्ताव सम्मानजनक नहीं है। जब तक सीट शेयरिंग पर कोई सफल या असफल वार्ता पूरी नहीं हो जाती तब तक कोई फैसला नहीं लिया जायेगा। उसके बाद पार्टी अपना रुख स्पष्ट करेगी। उन्होंने कहा कि हमने भाजपा का तब साथ दिया जब उनको इसकी जरूरत थी। उन्होंने कहा कि यह भाजपा को सोचना है कि हमारे अलग होने से एनडीए को कितना नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि जिस स्थिति में ये बात पहुंची है अगर यही स्थिति रही तो इसका निर्णय हमें लेना पडेगा।
कुशवाहा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि इस सरकार में पार्टी के कई कार्यकर्ताओं को हत्या हुई। इससे पार्टी काफी हताहत है। राज्य में रालोसपा कार्यकर्ताओं की हत्या पर कुशवाहा ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी को नीतीश कुमार द्वारा लगातार तोडने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसी कोशिशों की पार्टी निंदा करती है। राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि पांच प्रस्तावों में हस्ताक्षर अभियान भी शामिल है। उन्होंने बताया कि 28 नवंबर से पार्टी की ओर से शिक्षा में सुधार के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा। साथ ही समाज में ऊंच-नीच को खत्म करने की पार्टी कोशिश करेगी। वहीं, रालोसपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश कुमार मुर्दाबाद के नारे लगे। एक तरफ रालोसपा कार्यालय में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक चल रही थी, तो दूसरी ओर बाहर रालोसपा समर्थकों के द्वारा नीतीश कुमार मुर्दाबाद के नारे लगाए जा रहे थे।