UP Vidhan Sabha Monsoon Session: सीएम योगी और सपा प्रमुख अखिलेश में तल्खी बढ़ी!, मुख्यमंत्री ने 43 साल पुराने मुरादाबाद दंगे की रिपोर्ट सदन में रखी, समाजवादी पार्टी ने किया हमला
By राजेंद्र कुमार | Published: August 8, 2023 06:20 PM2023-08-08T18:20:34+5:302023-08-08T18:23:10+5:30
UP Vidhan Sabha Monsoon Session: सीएम योगी आदित्यनाथ और सपा मुखिया अखिलेश यादव भी अब खुलकर एक दूसरे पर तंज करने में पीछे नहीं रहते.
लखनऊः उत्तर प्रदेश की राजनीति में अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) के नेताओं के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है. जैसे- जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रही है, यह तल्खी में तेजी आती जा रही है. अब तो विधानसभा के भीतर भी इस तल्खी दिखने लगी है.
इसी का नतीजा है सीएम योगी आदित्यनाथ और सपा मुखिया अखिलेश यादव भी अब खुलकर एक दूसरे पर तंज करने में पीछे नहीं रहते. मंगलवार विधानसभा के भीतर बेरोजगारी और शिक्षा को लेकर अखिलेश यादव के पूछे सवाल पर सीएम योगी के किए गए तंज़ से दोनों की बीच एक दूसरे को लेकर किस कदर तल्खी है, वह सभी विधायकों को दिखा.
सदन में ऐसी दिखी दोनों नेताओं के बीच तल्खी
मंगलवार को सदन के मानसून सत्र के दूसरे दिन दोनों नेताओं के बीच तल्खी की शुरुआत सदन में मुरादाबाद दंगे की रिपोर्ट पेश करने की बाद दिखी. मुरादाबाद में 13 अगस्त 1980 में हुए इस दंगे में 83 लोगों की जान गई थी. उस समय यूपी में कांग्रेस की सरकार थी. वीपी सिंह मुख्यमंत्री थे.
तब हुए दंगे की रिपोर्ट सीएम योगी ने सदन में पेश की. विधानसभा में 43 साल पुराने मुरादाबाद दंगे की रिपोर्ट पेश किए जाने पर सपा नेता हमलावर हो गए. सपा के विधायकों ने योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा.
सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने कहा, "महंगाई, बेरोजगारी, खराब कानून व्यवस्था और बेहाल बिजली आपूर्ति जैसे अहम मुद्दों पर से जनता का ध्यान भटकाने के लिए मुरादाबाद दंगे की रिपोर्ट पेश की गई. सरकार महंगाई, बेरोजगारी और किसानों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा नहीं कर रही है। यूपी में बेरोजगारी दर घटी नहीं, बढ़ गई है। सरकार झूठ बोल रही है.
अखिलेश के सवाल पर तंज़ किया, जवाब नहीं दिया
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने भी बेरोजगारी का मुद्दा उठाया. उन्होने कहा, मुख्यमंत्री जी ने बेरोजगारी को लेकर बहुत-सी बातें रखी हैं, लेकिन मैं सिर्फ इतना जानना चाहता हूं कि 2017 से लेकर 2022 तक जो 15 साल का एज ग्रुप है, उसमें कितनी संख्या बढ़ गई है?
क्या उनके भविष्य को बेहतर बनाने के लिए और उन्हें नौकरी दिलाने के लिए आपकी नेशनल एजुकेशन पॉलिसी बेरोजगार लोगों की संख्या बताएगी? अखिलेश का यह सवाल सत्ता पक्ष के विधायकों को रास नहीं आया और सीएम योगी आदित्यनाथ खुद इस सवाल का जवाब देने उठ खड़े हुए.
फिर उन्होंने कहा कि सपा सरकार में वर्ष 2016 में यूपी की अनइंप्लॉयमेंट रेट 19% से अधिक था. आज के दिन में यह 3 से 4% तक ही है. इसके बाद सीएम योगी ने कहा कि मुझे बहुत अच्छा लगा कि अब नेता विरोधी दल को जनसंख्या की चिंता होने लगी है. जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए ही हम लोग सामान कानून की बात करते हैं.
चलिए समाजवादियों में कुछ तो प्रोग्रेस हुई है, प्रगति के बारे में सोचना अच्छी बात है.अच्छा है लोगों के बारे में भी सोचना चाहिए. बेसिक शिक्षा मंत्री जी से भी पूछा जा रहा था कि एक प्रदेश एक ड्रेस और एक शिक्षा, उसमें एक देश एक कानून भी जोड़ देते तो ज्यादा अच्छा होता.
इसके बाद मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार ही तमाम उपलब्धियों का जिक्र किया और अखिलेश सरकार की खामियों का उल्लेख किया पर अखिलेश यादव के पूछे गए सीधे सवाल का जवाब नहीं दिया. उन्होने यह नहीं बताया कि 15 साल के एज ग्रुप के बढ़े लोगों की संख्या कितनी है और राज्य में बेरोजगार लोगों की सख्या क्या है?