यूपी: रामपुर के कांग्रेस नेता भाजपा प्रत्याशी का करेंगे समर्थन, पार्टी के लोकसभा उपचुनाव न लड़ने से नाराज
By विशाल कुमार | Published: June 9, 2022 11:28 AM2022-06-09T11:28:04+5:302022-06-09T11:48:33+5:30
दो दिन पहले ही कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के परिणाम को देखते हुए यूपी की दोनों उपचुनाव वाली लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने से इनकार कर दिया। उसने कहा कि वह 2024 के लिए पार्टी के पुनर्निर्माण पर काम कर रही है।
लखनऊ: पार्टी के रामपुर लोकसभा उपचुनाव लड़ने से इनकार करने से नाराज रामपुर के कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक काजिम अली खान ने भाजपा प्रत्याशी के समर्थन की बात कही है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, खान ने कहा कि राजनीतिक और आर्थिक हित साधने वाले लोगों ने कांग्रेस नेतृत्व को भ्रमित किया और जमीनी स्थिति की गलत जानकारी दी। उन्होंने आगे कहा कि मैं केवल यह कह रहा हूं कि कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी पार्टी है और समाजवादी पार्टी के केवल तीन सांसद हैं। कांग्रेस को उपचुनाव लड़ना चाहिए।
खान ने कहा कि पार्टी एकांतवास में चली गई है और उसे इससे बाहर निकलना चाहिए। आप (कांग्रेस) पंजाब में उम्मीदवार उतार रहे हैं लेकिन आप उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में उम्मीदवार नहीं उतार रहे हैं। यह बेतुका है।
उन्होंने कहा कि वह अपना नामांकन पत्र तैयार कर चुके थे। लेकिन अचानक दिल्ली से संदेश आता है कि हम रामपुर और आजमगढ़ में उपचुनाव नहीं लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं सपा नेता आजम खान और उनके प्रत्याशी का विरोध करूंगा जो कि किसी के लिए चौंकाने वाला नहीं है।
बता दें कि, दो दिन पहले ही कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के परिणाम को देखते हुए यूपी की दोनों उपचुनाव वाली लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने से इनकार कर दिया। उसने कहा कि वह 2024 के लिए पार्टी के पुनर्निर्माण पर काम कर रही है।
बसपा ने भी चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। इससे आजम खान के करीबी असीम रजा और भाजपा प्रत्याशी घनश्याम लोधी के बीच सीधा मुकाबला हो गया है। सपा के एक पूर्व एमएलसी और ओबीसी नेता घनश्याम लोधी यूपी विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए थे।
बता दें कि, हालिया यूपी विधानसभा चुनाव में काजिम अली खान रामपुर विधानसभा सीट पर आजम खान से हार गए थे जबकि भाजपा की सहयोगी अपना दल द्वारा स्वार विधानसभा से उम्मीदवार बनाए गए उनके बेटे हैदर अली खान, आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम से चुनाव हार गए थे।