यूपी पंचायत चुनावः ट्रंप कार्ड बने परदेसी वोटर, टिकट और बसों का इंतजाम कर रहे प्रत्याशी, जानें क्या है समीकरण

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 13, 2021 05:53 PM2021-04-13T17:53:18+5:302021-04-13T17:54:42+5:30

मुंबई या दिल्ली से लोग पूरी की पूरी बोगी बुक कर चुनावों में अपने प्रत्याशी को जिताने के लिए पहुंचते हैं.

UP Panchayat elections gram chunav Candidates arranging card Pardesi voters tickets and buses | यूपी पंचायत चुनावः ट्रंप कार्ड बने परदेसी वोटर, टिकट और बसों का इंतजाम कर रहे प्रत्याशी, जानें क्या है समीकरण

दिल्ली-मुंबई जैसे शहरों में गए लाखों मजदूरों को बुलाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं.

Highlightsबड़ी संख्या पूर्वांचल के 20 जिलों के मजदूरों की है.रिपोर्ट के अनुसार यूपी के 32.49 लाख मजदूर गांव लौटे हैं.प्रत्याशी लाने के लिए टिकट और बसों का इंतजाम करने में लग गए हैं.

लखनऊः यूपी के पंचायत चुनावों में दूसरे राज्यों में रह रहे परदेसी मतदाताओं के साथ लॉकडाउन में गांव लौटे मजदूरों की भूमिका भी अहम हो गई है.

 

पूर्वांचल और बुंदेलखंड के जिलों से दिल्ली-मुंबई जैसे शहरों में गए लाखों मजदूरों को बुलाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं. प्रत्याशी लाने के लिए टिकट और बसों का इंतजाम करने में लग गए हैं. केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट के अनुसार यूपी के 32.49 लाख मजदूर गांव लौटे हैं. इनमें बड़ी संख्या पूर्वांचल के 20 जिलों के मजदूरों की है.

वापस आए मजदूरों में आधे के आसपास काम की तलाश में लौट गए. उन्हें भी वापस बुलाया जा रहा है. नेपाल सीमा से सटे सिद्धार्थनगर जिले के गांव बजहा में 3287 मतदाता हैं, इनमें से 500 बड़े शहरों में रहते हैं. अन्य गांवों के 20-30% वोटर भी बड़े शहरों में रहते हैं. परदेसी वोटरों को मतदान में लाने के लिए आने-जाने का किराया-भाड़ा देने के साथ ही गांवों में कॉलोनी और अन्य सुविधाओं का लालच दिया जाता है.

चुनाव यूपी में, प्रचार मुंबई मेंः मुंबई में उत्तर भारतीय महासंघ के महासचिव इंजीनियर इम्तियाज अली का गांव के 350 मतदाताओं पर प्रभाव है. वह बताते हैं, ''कई लोग तो मुंबई में मीटिंग करके गए हैं. हमारी प्रॉपर्टी गांव में है, इसलिए दखल रखना पड़ता है. मजदूरों के साथ मीटिंग होती रहती है, किसे वोट देना है? हम उनकी मदद करते हैं तो वो हमारी बात सुनते हैं.

पूरी बोगी बुक कर प्रत्याशी को जिताने पहुंचते हैंः मुंबई या दिल्ली से लोग पूरी की पूरी बोगी बुक कर चुनावों में अपने प्रत्याशी को जिताने के लिए पहुंचते हैं. धनौरा में प्रधानी का चुनाव लड़ चुके मुन्ना यादव बताते हैं, हमारे गांव में मुस्लिम आबादी अधिक है, कुल मतदाता 1700 के करीब हैं. इनमें से 400 लोग बाहर बड़े शहरों में रहते हैं. प्रत्याशी उनके आने जाने का इंतजाम करते हैं.

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