यूपी निकाय चुनावः आरक्षण को लेकर पिछड़ा वर्ग आयोग ने सीएम को सौंपी सर्वे रिपोर्ट, कैबिनेट की मंजूरी के बाद होगा ये उलटफेर

By अनिल शर्मा | Published: March 10, 2023 12:23 PM2023-03-10T12:23:32+5:302023-03-10T12:39:46+5:30

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को निकाय चुनाव में पिछड़ों की हिस्सेदारी तय करने के लिए 31 मार्च तक का समय दिया है।  इस अवधि में इसे पूरा करने लेना था। सर्वे पूरा हो चुका है, जिसे यूपी कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार है। 

UP Municipal Elections Backward Classes Commission submits survey report to CM | यूपी निकाय चुनावः आरक्षण को लेकर पिछड़ा वर्ग आयोग ने सीएम को सौंपी सर्वे रिपोर्ट, कैबिनेट की मंजूरी के बाद होगा ये उलटफेर

यूपी निकाय चुनावः आरक्षण को लेकर पिछड़ा वर्ग आयोग ने सीएम को सौंपी सर्वे रिपोर्ट, कैबिनेट की मंजूरी के बाद होगा ये उलटफेर

Highlights रिपोर्ट 350 पेज की है जिसे शुक्रवार को कैबिनेट के सामने मंजूरी के लिए रखा जाएगा। नगर विकास विभाग ने पिछले साल 28 दिसंबर में सर्वे के लिए आयोग का गठन किया था। इस रिपोर्ट में राज्यभर के जिलेवार पिछड़े वर्गों का आंकड़ा दर्ज है।

लखनऊः उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पिछड़े वर्गों की आबादी की सर्वे रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट 350 पेज की है जिसे शुक्रवार को कैबिनेट के सामने मंजूरी के लिए रखा जाएगा। गौरतलब है कि अप्रैल में निकाय चुनाव कराए जाने की पूरी संभावना है। 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस सर्वे के बाद यूपी में मेयर, नगर पालिका अध्यक्ष और नगर पंचायत अध्यक्ष की सीटों के आरक्षण में फेरबदल की संभावना जताई जा रही है। इस रिपोर्ट में राज्यभर के जिलेवार पिछड़े वर्गों का आंकड़ा दर्ज है। रिपोर्ट के मुताबिक, कई अनारक्षित सीटों के ओबीसी आरक्षण में बदले जाने की भी संभावना है।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने 28 दिसंबर 2022 को पैनल का गठन किया था। उससे एक दिन पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने शहरी स्थानीय निकाय चुनावों पर सरकार की मसौदा अधिसूचना को रद्द करते हुए अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण के बिना चुनाव कराने का आदेश दिया था।

पैनल के चार अन्य सदस्य सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी चौब सिंह वर्मा और महेंद्र कुमार और राज्य के पूर्व कानूनी सलाहकार संतोष कुमार विश्वकर्मा तथा ब्रजेश कुमार सोनी हैं। शहरी विकास विभाग द्वारा इस सिलसिले में जारी एक अधिसूचना में कहा गया था कि पैनल का कार्यकाल पदभार ग्रहण करने के दिन से छह महीने की अवधि के लिए होगा।

 आयोग ने राज्य के 75 जिलों में सर्वे को पूरा करने के बाद रिपोर्ट सीएम को सौंप दी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित 'ट्रिपल टेस्ट' फॉर्मूले के बाद आरक्षण का मसौदा तैयार करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नियुक्त पांच सदस्यीय पैनल ने 31 दिसंबर 2022 को लखनऊ में अपनी पहली बैठक की थी। सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को निकाय चुनाव में पिछड़ों की हिस्सेदारी तय करने के लिए 31 मार्च तक का समय दिया है। सर्वे पूरा हो चुका है, जिसे यूपी कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार है। 

रिपोर्ट के मुताबिक, नगर विकास विभाग की मंशा अप्रैल में चुनाव कराने की है। इसकी तैयारियां शुरू हो चुकी है। माना जा रहा है कि मई के पहले हफ्ते तक चुनावी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। 

Web Title: UP Municipal Elections Backward Classes Commission submits survey report to CM

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