शहीद जवान की मां ने कहा, पाकिस्तान ने भारत के बहुत बेटे मारे, अब और नहीं!
By पल्लवी कुमारी | Published: February 19, 2019 10:34 AM2019-02-19T10:34:04+5:302019-02-19T10:34:04+5:30
पुलवामा मुठभेड़: पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा बलों को 14 फरवरी को हुए आतंकवादी हमले के स्थल से करीब 10 किलोमीटर दूर एक इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। इसके बाद सुरक्षा बलों ने रात में इलाके की घेराबंदी की और तलाश अभियान शुरू किया।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के पिंगलिना क्षेत्र में सेना के जवानों और आतंकियों के बीच 18 फरवरी को हुई मुठभेड़ में मेजर समेत पांच जवान शहीद हो गए। इस मुठभेड़ में उत्तर प्रदेश के मेरठ के रहने वाले सिपाही अजय कुमार भी शहीद हो गए हैं। अजय कुमार की मां ने पाकिस्तान को ललकारते हुए कहा, पाकिस्तान इतना ताकतवर नहीं है कि भारत के इतने बेटों को मारे।
अजय कुमार की मां का कहना है, "पाकिस्तान ने बहुत-से बेटों को मार डाला है। पाकिस्तान इतना बड़ा नहीं है, जिसे भारत खत्म नहीं कर सकता। भारत चाहे तो सिर्फ एक दिन में पाकिस्तान को खत्म कर सकता है। मुझे अपने बेटे पर गर्व है। उसने देश के लिए जान कुर्बान कर दी है।"
पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले में सिर्फ उत्तर प्रदेश से 12 जवान शहीद हो गए थे। जबकि इस पूरे आतंकी हमले में 40 सीआरपीएफ के जवान घायल हुए थे। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सोमवार(18 फरवरी) को हुए मुठभेड़ में एक मेजर समेत सेना के चार जवान शहीद हो गए और जैश ए मोहम्मद के दो आतंकवादी मारे गए। इस मुठभेड़ में एक आम नागरिक की भी मौत हो गई।
Meerut: Mother of Sepoy Ajay Kumar who lost his life in encounter with terrorists in #Pulwama y’day, says,"Pakistan has killed so many sons;Pak isn’t that big that India can’t destroy it. India can destroy it in one day. I'm proud of my son,he sacrificed his life for the country" pic.twitter.com/zTdARAVd9B
— ANI UP (@ANINewsUP) February 19, 2019
जैश-ए-मोहम्मद का मारा गया आंतकी
यह मुठभेड़ उस जगह से कुछ ही दूरी पर हुई है, जहां तीन दिन पहले 14 फरवरी को सीआरपीएफ की एक बस पर आत्मघाती हमला हुआ था। एक रक्षा प्रवक्ता ने कहा, ''ऐसा माना जा रहा है कि इन आतंकवादियों का संबंध 14 फरवरी को हुए कार बम हमले से था।'' अधिकारियों ने बताया कि मारे गए एक आतंकवादी की पहचान एक स्थानीय निवासी हिलाल अहमद के रूप में की गई है। ऐसा माना जा रहा है कि उसका संबंध जैश-ए-मोहम्मद से था।
आतंकवादियों की मौजूदगी के लिए थी सूचना
पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा बलों को 14 फरवरी को हुए आतंकवादी हमले के स्थल से करीब 10 किलोमीटर दूर एक इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। इसके बाद सुरक्षा बलों ने रात में इलाके की घेराबंदी की और तलाश अभियान शुरू किया। अधिकारियों ने बताया कि तलाश अभियान के दौरान आतंकवादियों ने बलों पर गोलीबारी की जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली है। इस हमले में सीआरपीएस के 40 जवान शहीद हो गए थे और पांच अन्य गंभीर रूप से घायल हुए थे।