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UP Ki Taja Khabar: वाराणासी के चिह्नित अत्याधिक संक्रमित क्षेत्रों को ‘गरुड़’ कर रहा संक्रमण मुक्त, सेनेटाइजेशन का कार्य शुरू

By भाषा | Updated: April 18, 2020 17:29 IST

नगर आयुक्त गौरांग राठी ने बताया कि ड्रोन गरुड़ से अधिक संक्रमित स्थान के अलावा पृथकवास, आश्रय गृह और पृथक वार्ड को भी संक्रमण मुक्त करने का कार्य किया जाएगा।

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ठळक मुद्देपेट्रोल से चलने वाला यह ड्रोन एक बार में 10 लीटर सोडियम हाइपोक्लोराइट का घोल लेकर आधे घंटे उड़ान भरेगा। यह ड्रोन एक बार में 10 लीटर सोडियम हाइपोक्लोराइट का घोल लेकर आधे घंटे उड़ान भरेगा।

वाराणसी: कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए शनिवार को नगर निगम के आपातकालीन ड्रोन दस्ते ने शहर के सबसे अधिक संक्रमित स्थान (हॉटस्पॉट) के रूप में चिह्नित मदनपुरा को ‘‘गरुड़’’ ड्रोन से संक्रमण मुक्त करने का कार्य शुरू किया। इसके साथ यहां के अन्य संक्रमित स्थानों पर भी 'गरुड़' से संक्रमण मुक्त किया गया। आयुक्त दीपक अग्रवाल शनिवार को गोदौलिया चौराहे पर मौजूद रह कर अपनी देखरेख में मदनपुरा क्षेत्र में गरुड़ ड्रोन से सेनेटाइजेशन का कार्य शुरू कराया।

इस अवसर पर उन्होंने बताया कि गरुड़ ड्रोन ने अपना कार्य शुरू कर दिया है। यह शहर में अधिक संक्रमित स्थान के रूप में चिह्नित मदनपुरा, बजरडीहा, गंगापुर, लोहता और नक्खीघाट में सेनेटाइजर का छिड़काव करेगा। इसके बाद दुसरे इलाकों में भी इससे दवा और सेनेटाइजर का छिड़काव किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पेट्रोल से चलने वाला यह ड्रोन एक बार में 10 लीटर सोडियम हाइपोक्लोराइट का घोल लेकर आधे घंटे उड़ान भरेगा।

अग्रवाल ने बताया कि हवाई मार्ग से सेनेटाइजर का छिड़काव करने के लिए नगर निगम, स्मार्ट सिटी लिमिटेड और गरुड़ एयरोस्पेस चेन्नई के बीच करार हुआ है। उन्होंने बताया कि ड्रोन से हम प्रभावित क्षेत्रों को अधिक मानव बल इस्तेमाल किए बिना संक्रमण मुक्त कर पाएंगे और उन इलाकों तक भी पहुंच सकेंगे जहां आमतौर पर पहुंचना मुश्किल होता है। अग्रवाल ने बताया कि रोज सुबह साढ़े आठ बजे से शाम के छह बजे तक हम संक्रमित स्थानों और बफर ज़ोन को संक्रमण मुक्त करने का कार्य किया जायेगा।

नगर आयुक्त गौरांग राठी ने बताया कि ड्रोन गरुड़ से अधिक संक्रमित स्थान के अलावा पृथकवास, आश्रय गृह और पृथक वार्ड को भी संक्रमण मुक्त करने का कार्य किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ड्रोन गरुड़ से प्रति एकड़ इलाके को संक्रमण मुक्त करने में 700 रुपये का खर्च आता है जो अन्य साधनों के मुकाबले व्यय का 20वां हिस्सा है। 

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