एनडीए में साथ नहीं मिला तो यूपी में अकेले लड़ेंगे विधानसभा चुनाव, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया ऐलान

By एस पी सिन्हा | Updated: August 9, 2021 21:47 IST2021-08-09T21:46:29+5:302021-08-09T21:47:39+5:30

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि जातीय जनगणना का संबंध राजनीतिक नहीं बल्कि बल्कि सामाजिक है.

UP electIon cm Nitish Kumar announced If you don't get along in NDA, you will fight alone | एनडीए में साथ नहीं मिला तो यूपी में अकेले लड़ेंगे विधानसभा चुनाव, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया ऐलान

1931 में अंतिम बार जातीय जनगणना हुई थी.

Highlightsजदयू सांसदों ने प्रधानमंत्री से मिलने को लेकर पत्र लिखा था.जातीय जनगणना हो, आगे यह केंद्र सरकार का काम है.मुलाकात गृह मंत्री अमित शाह से हुई थी.

पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज जनता दरबार के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए कई मुद्दों को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी. इस दौरान उन्होंने यूपी में होने वाले चुनाव को लेकर अपनी राय साफ कर दी है.

उन्होंने साफ-साफ कहा कि यदि एनडीए से एलायंस नहीं मिलता है तो जदयू चुनाव अकेले लडे़गी. उन्होंने कहा कि पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी ये बात सामने आई थी. मुख्यमंत्री ने इस दौरान जातीय जनगणना को लेकर भी अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि जातीय जनगणना की जाए. नीतीश कुमार ने कहा कि इसको लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है.

लेकिन अब तक किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं आई है. जाति आधारित जनगणना से सभी जातियों को मदद मिलेगी और उनकी सही संख्या पता चल सकेगी. इसके आधार पर नीतियां बनाई जा सकेंगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम जातीय जनगणना कराना चाहते हैं और यह हमारी पुरानी मांग है. उन्होंने कहा कि बिहार में तो सर्वसम्मति से दो बार विधानमंडल से यह पारित कराकर केन्द्र सरकार को भेजा गया है.

विधानसभा और विधान परिषद में सभी पार्टियों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया था. हमलोगों की इच्छा है कि जातिगत जनगणना होनी चाहिए. हम लोगों की राय सब लोगों को मालूम है।.विपक्षी दलों की राय से हम सब लोग सहमत हैं.  जदयू में उत्पन्न विवाद पर अपनी सफाई देते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि जदयू में कोई गुट नहीं है. जदयू पूरी तरह से एकजुट है.

उन्होंने कहा कि हमने राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोडने का मन बनाया. इसके बाद आरसीपी सिंह को अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई. जब वे केंद्रीय मंत्री बन गये तो उन्होंने ही प्रस्ताव दिया कि ललन सिंह को अध्यक्ष बनाया जाए. उनके प्रस्ताव को राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने स्वीकार कर लिया. ऐसे में अध्यक्ष पद को लेकर कहां कोई विवाद है?

पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जदयू में ऊपरी लेवल पर सबकुछ ठीक है. यहां पर कोई गुटबाजी नहीं है और ये बात सभी लोग जानते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी पार्टी में सबका सम्मान है. कुछ लोगों को छपवाने का शौक होता है तो कहीं छपवा दिया. लेकिन उसे ठीक से पता भी नहीं होगा. हमारे दल में कहीं कोई विवाद नहीं है. 

बता दें कि रविवार को जदयू प्रदेश कार्यालय में आरसीपी सिंह के स्वागत को लेकर पोस्टर लगाया गया था. पोस्टर में राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और उपेन्द्र कुशवाहा की तस्वीर को ही गायब कर दिया गया था. इसके बाद यह खबर फैल गई कि जदयू में बगावत हो गया है.

आरसीपी सिंह गुट ललन सिंह और उपेन्द्र कुशवाहा के खिलाफ खडा हो गया. पूर्व विधायक अभय कुशवाहा की तरफ से लगाये गये पोस्टर के बाद जदयू के भीतर भी खलबली मच गई. इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जिन लोगों ने ऐसा किया है उन पर कार्रवाई होगी. इसके बाद नेतृत्व ने प्रदेश कार्यालय के गेट पर लगे पोस्टर को हटवा दिया. 

Web Title: UP electIon cm Nitish Kumar announced If you don't get along in NDA, you will fight alone

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