यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बयान से जातीय जनगणना पर तेज हुई राजनीति
By राजेंद्र कुमार | Published: February 5, 2023 04:36 PM2023-02-05T16:36:07+5:302023-02-05T16:36:07+5:30
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य ने उन्नाव में जातिगत जनगणना का समर्थन करने का ऐलान क्या किया राज्य में योगी सरकार जातीय जनगणना कब कराएगी?

यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बयान से जातीय जनगणना पर तेज हुई राजनीति
लखनऊ: कभी कभार एक बयान से राजनीतिक माहौल गरमा जाता है। उत्तर प्रदेश में जातीय जनगणना को लेकर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के एक बयान से सूबे में जातीय राजनीति को साधने की मुहिम एकाएक तेज हो गई है। गत शनिवार को केशव मौर्य ने उन्नाव में जातिगत जनगणना का समर्थन करने का ऐलान क्या किया राज्य में योगी सरकार जातीय जनगणना कब कराएगी?
यह सवाल हर राजनीतिक दल योगी सरकार से पूछने लग गया है। समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस नेताओं द्वारा पूछे जा रहे इस सवाल को लेकर योगी सरकार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने चुप्पी साध ली है। भाजपा प्रवक्ताओं का कहना है कि सही समय पर इसका जवाब दिया जाएगा।
गौरतलब है कि सपा के मुखिया अखिलेश यादव जातिगत जनगणना की वकालत करते हुए राज्य में जातिगत जनगणना कराए जाने की मांग बीते दो वर्षों से कर रहे हैं और सपा के सांसद और विधायकों को गांव-गांव जाकर जातिगत जनगणना कराने के लिए माहौल बनाने में जुटे है। सपा के नेता गांवों में लोगों को बता रहे हैं कि दलित वंचित व शोषित वर्ग के हितों की रक्षा के लिए जातिगत जनगणना अत्यन्त आवश्यक है और उनकी पार्टी सत्ता में आने के बाद यह काम प्राथमिकता के आधार पर कराएगी।
भाजपा उनके हितों की अनदेखी कर रही हैं। कुछ अलग तरीके से यही बात बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के नेता भी जनता को बताते हुए यूपी में जातिगत जनगणना की मांग बुलंद कर रहे हैं। बसपा मुखिया मायावती भी जातिगत जनगणना का समर्थन कर चुकी हैं और यूपी कांग्रेस जातिगत जनगणना कराने की मांग को लेकर जिला अधिकारी के जरिए राष्ट्रपति को ज्ञापन भेज चुकी है।
इस मामले में सिर्फ भाजपा ही अब तक खामोश थी। यह खामोशी शनिवार को केशव प्रसाद मौर्य ने उन्नाव के नवाबगंज में तोड़ दी। वहां पत्रकारों से बातचीत के दौरान केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि वह जातिगत जनगणना के समर्थन में हैं और वह किसी भी प्रकार की जनगणना के विरोधी नहीं हैं। यह दावा करते हुए केशव यह सवाल भी उठाया कि जब सपा व बसपा के समर्थन से केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, तब इन दलों ने इसे मुद्दा क्यों नहीं बनाया।
मौर्य के इस बयान को सपा नेता मामले को भ्रमित करने वाला कदम बता रहे हैं। सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम कहते रहे हैं कि भाजपा को ओबीसी के हितों की कोई परवाह नहीं है। इसी वजह से प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने जातिगत जनगणना का समर्थन करने वाले बयान को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कोई प्रतिक्रिया नहीं व्यक्त की है।
अभी यह साफ नहीं हुआ है कि भाजपा का इस मामले में क्या रुख है? कहा जा रहा है कि जब तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी ने केशव मौर्य के बयान पर कोई प्रतिक्रिया तक नहीं व्यक्त करेंगे तब तक उनका बयान सरकार या पार्टी का फैसला नहीं माना जाएगा। फिलहाल केशव मौर्य के बयान के बाद से राज्य में जातिगत जनगणना कराने को लेकर राजनीतिक माहौल गरमाने लगा है।