'यूपी में किसी ने दंगा किया तो उसकी सात पीढ़ियां भी भरपाई नहीं कर पाएंगी', योगी आदित्यनाथ बोले- राज्य की पहचान अब माफिया नहीं, महोत्सव हैं
By शिवेंद्र कुमार राय | Published: March 29, 2023 08:34 PM2023-03-29T20:34:02+5:302023-03-29T20:35:19+5:30
सीएम योगी ने कहा कि यह वही प्रदेश है जहां पहले त्योहार आते ही दंगों के भय से लोग घरों से बाहर नहीं निकलते थे। वर्तमान में नवरात्र व रमजान एक साथ चल रहे हैं लेकिन कहीं भी कोई हलचल नहीं है। आज उत्साह व उमंग के साथ हर पर्व व त्यौहार मनाए जा रहे हैं।
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार, 29 मार्च को अपने गृह जनपद गोरखपुर में थे। यहां यूपी के सीएम ने कई योजनाओं का शिलान्यास-लोकार्पण किया। गोरखपुर के चिल्लूपार विधान सभा क्षेत्र स्थित भरौली में बाबू आर.एन. सिंह डायलिसिस सेंटर का लोकार्पण करने के बाद सीएम योगी ने एक सभा को भी संबोधित किया और प्रदेश से अपराध और अपराधियों को खत्म करने की बात फिर दोहराई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "आज उत्तर प्रदेश में कोई दंगा नहीं कर सकता, दंगाइयों को ज्ञात है कि अगर दंगा किया तो सात पीढ़ियां भी उसकी भरपाई नहीं कर पाएंगी। प्रदेश में अब अपराधियों का महिमा-मंडन नहीं, देवस्थलों का सौंदर्यीकरण व आस्था का सम्मान होता है। पिछली सरकारों में हमारे सांस्कृतिक मूल्यों की अनदेखी होती थी, लेकिन आज नए उत्तर प्रदेश में धर्म, आस्था व सनातन संस्कृति के गौरव का पुनरुत्थान हो रहा है। प्रयागराज, मथुरा, गोरखपुर, वाराणसी जैसे जनपदों में भजन स्थलों का हो रहा निर्माण इसका जीवंत प्रमाण है। यूपी एक ओर आधुनिकता से कदम-ताल मिला रहा है, तो दूसरी ओर अपने सनातन मूल्यों को संरक्षित भी कर रहा है।"
योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा, "आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक चेतना की प्रतीक धरा उत्तर प्रदेश की पहचान अब माफिया नहीं, महोत्सव हैं। आज हर धर्म, हर वर्ग के लोग अपने पर्व और उत्सव पूरे उत्साह, उमंग व हर्ष के साथ मना रहे हैं। अब उ.प्र. निवेशकों के महाकुंभ, दीपोत्सव, रंगोत्सव जैसे महोत्सवों की धरा है। यहां मंदिरों में अष्टमी को दुर्गा सप्तशती, नवमी को अखंड रामायण के पाठ हो रहे हैं।"
इससे पहले योगी आदित्यनाथ ने कुशीनगर जिले को सौगात देते हुए उन्होंने 451 करोड़ रुपये की लागत वाली 106 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया। यहा सीएम योगी ने कहा, "यह वही प्रदेश है जहां पहले विकास का पैसा चंद लोगों की जेब में चला जाता था। यहां तक कि राशन भी चंद लोगों की जेब में ही जाता था। पर्व-त्योहार आते ही दंगों के भय से लोग घरों से बाहर नहीं निकलते थे। शासन-प्रशासन पर्वों को प्रतिबंधित कर देता था। आज उत्साह व उमंग के साथ हर पर्व व त्यौहार मनाए जा रहे हैं। वर्तमान में नवरात्र व रमजान एक साथ चल रहे हैं लेकिन कहीं भी कोई हलचल नहीं है।"