जाति के बाद अब भगवान हनुमान का 'करियर' आया सामने, बीजेपी सरकार के मंत्री ने किया खुलासा
By धीरज पाल | Published: December 23, 2018 10:16 AM2018-12-23T10:16:55+5:302018-12-23T10:17:39+5:30
उन्होंने कहा कि भगवान की कोई जाति नहीं होती है। मैं उनको जाति में नहीं बाटनां चाहता।
भगवान हनुमान को लेकर देश की राजनीति में भूचाल सा आ गया है। अभी तक नेताओं ने भगवान हनुमान की जाति तय करने में लगे थे लेकिन अब उनका करियर भी तय हो गया है। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के मंत्री और पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान ने हनुमान जी पर एक और विवादित बयान दिया है। चेतन चौहान ने भगवान हनुमान जी को खिलाड़ी बताया है। उन्होंने बताया कि हनुमान जी कुश्ती लड़ते थे और वे एक खिलाड़ी थे। जितने पहलवान लोग हैं वो उनकी पूजा करते हैं। मैं भी वही मानता हूं।
उन्होंने कहा कि भगवान की कोई जाति नहीं होती है। मैं उनको जाति में नहीं बाटनां चाहता। इससे पहले भगवान हनुमान की जाति को लेकर चल रही बहस पर चुटकी लेते हुए भाजपा के सहयोगी दल शिवसेना ने शनिवार को कहा कि बेहतर है कि रामायण के अन्य पात्र भी अपना जाति प्रमाण पत्र तैयार रखें। पार्टी ने इस बहस को ‘‘बेबुनियाद’’ और ‘‘निराधार’’ बताते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा में भगवान हनुमान पर जाति का ठप्पा लगाकर ‘‘नई रामायण’’ लिखने की कोशिशें की जा रही हैं और ऐसी कोशिशों को रोका जाना चाहिए।
UP Min & Former India cricketer Chetan Chauhan in Amroha yesterday: Hanuman ji kushti ladte the, khiladi bhi the, jitne bhi pehlwan log hain unki pooja karte hain, main unko wahi manta hun, humare isht hain, bhagwan ki koi jaati nahi hoti. Main unko jaati main nahi baantna chahta pic.twitter.com/Q1lburIFMu
— ANI UP (@ANINewsUP) December 23, 2018
बीजेपी नेताओं द्वारा भगवान हनुमान की जाति को लेकर दिए जा रहे विवादों बयानों का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है। इससे पहले यूपी की बीजेपी सरकार में मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने कहा कि हनुमान जी को जाट होना चाहिए। इससे पहले यूपी से बीजेपी विधायक बुक्कल नवाब हनुमान जी के मुसलमान होने का दावा कर चुके हैं। उससे पहले राजस्थान विधान सभा चुनाव के दौरान यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भगवान हनुमान को दलित बताया था। चौधरी लक्ष्मी नारायण ने कहा, "मेरे ख्याल से हनुमानजी जी जाट थे क्योंकि जाटों की तरह वो किसी को मुसीबत में देखकर उस आदमी या मुद्दे को जाने बिना उसकी मदद के लिए कूद पड़ते थे।"