रेलवे स्टेडियम के वाणिज्यिक उपयोग के प्रस्ताव का यूनियन ने विरोध किया
By भाषा | Published: June 3, 2021 10:00 PM2021-06-03T22:00:05+5:302021-06-03T22:00:05+5:30
नयी दिल्ली, तीन जून रेल कर्मचारियों की सबसे बड़ी यूनियन ‘ऑल इंडिया रेलवेमैन्स फैडरेशन’ (एआईआरएफ) ने वाणिज्यिक विकास के लिए ‘प्रौद्योगिकी-आर्थिक अध्ययन’ के मकसद से 15 स्टेडियमों को रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) को सौंपे जाने के फैसले को लेकर रेलवे बोर्ड पर निशाना साधा है।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने गत मार्च महीने में संसद में एक प्रश्न के उत्तर में कहा था कि भारतीय रेल ने 87 भूखंडों, 84 रेलवे कॉलोनियों, चार पर्वतीय रेलवे और तीन स्टेडियमों की पहचान की है जिनका वित्तीय फायदे के लिए उपयोग हो सकता है।
एआईआरएफ के अध्यक्ष शिवगोपाल मिश्रा ने रेलवे बोर्ड के प्रमुख सुनीत शर्मा को पत्र लिखकर कहा, ‘‘एआईआरएफ लाखों रेलकर्मियों, उनके परिवारों, बच्चों और खिलाडि़यों की भावनाओं के साथ है। रेलवे के खेल मैदानों/परिसरों एवं स्टेडियमों को वाणिज्यिक विकास के लिए आरएलडीए के सुपुर्द करने संबंधी रेलवे बोर्ड के मनमाना फैसले को लेकर रेलकर्मियों में विरोध और आक्रोश देखा जा रहा है।’’
मिश्रा के मुताबिक, ये रेलवे खेल परिसर और स्टेडियम विभिन्न शहरों के बीचो-बीच स्थित हैं तथा कई खिलाड़ियों और आम रेलकर्मियों द्वारा इनका कई दशकों से उपयोग किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘ये स्टेडियम और खेल परिसर अनुपयोगी भूखंड नहीं हैं कि उनको किसी दूसरे के सुपुर्द कर दिया जाए।’’
रेल मंत्रालय को अपने इस कदम को लेकर ‘इंटीग्रल कोच फैक्ट्री’(आईसीएफ) की तरफ से भी विरोध कर सामना करना पड़ा है।
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