केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का दावा, 4-5 साल के भीतर रेलवे 100 प्रतिशत विद्युत चालित नेटवर्क बन जाएगा
By भाषा | Published: February 6, 2020 03:42 PM2020-02-06T15:42:56+5:302020-02-06T15:42:56+5:30
गोयल ने बताया कि सामान्य बल्ब की जगह पर एलईडी बल्ब के प्रयोग से हर साल आठ करोड़ टन से अधिक कार्बन ऑक्साइड में कमी आई है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय रेल आगामी चार से पांच साल में 100 प्रतिशत विद्युत चालित रेल नेटवर्क बन जाएगी और इसके साथ ही यह इस तरह का दुनिया का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क होगा। गोयल ने यहां आठवें विश्व ऊर्जा नीति सम्मेलन में कहा कि रेलवे अपने पूरे नेटवर्क के विद्युतीकरण की ओर तेजी से बढ़ रहा है।
रेल मंत्री ने कहा, ‘‘पहले ही करीब 55 नेटवर्क बिजली चालित है। आगामी चार-पांच साल में हमें इसके 100 प्रतिशत विद्युत चालित रेल नेटवर्क बन जाने की उम्मीद है, जो दुनिया में ऐसा सबसे बड़ा नेटवर्क होगा।’’ गोयल ने कहा कि सरकार ने ऊर्जा क्षेत्र में निवेश प्रोत्साहित करने के लिए कई पहल शुरू करने की कोशिश की है।
उन्होंने कहा, ‘‘बिजली उत्पादन करने वाली सभी कंपनियां इस क्षेत्र में आने वाले सभी नए निवेशों के लिए 15 प्रतिशत की निम्न आयकर दर के लिए योग्य होंगी।’’ गोयल ने कहा, ‘‘2030 तक रेलवे 20 गीगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन में निवेश करेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह अन्य देशों को भी संदेश देगा कि वे भी विद्युतीकरण को अपनाने पर विचार करें।’’
गोयल ने कहा कि भारत ऊर्जा के उपयोग में बदलाव के लिए तैयार है और यह सुनिश्चित करने के लिए उच्चतम स्तर पर नजर रखी जा रही है कि दुनिया को रहने के लिए बेहतर जगह बनाने के वैश्विक प्रयासों में देश भी भागीदार बने। उन्होंने कहा, ‘‘कोयला के संदर्भ में, हम विश्व में ऊर्जा उत्सर्जन स्तर कम करने की हमारी प्रतिबद्धताओं को लेकर बहुत सचेत है। पिछले छह साल में किसी नए संयंत्र को मंजूरी नहीं दी गई है।’’
गोयल ने बताया कि सामान्य बल्ब की जगह पर एलईडी बल्ब के प्रयोग से हर साल आठ करोड़ टन से अधिक कार्बन ऑक्साइड में कमी आई है। उन्होंने कहा कि लकड़ी और कोयले का इस्तेमाल करके खाना बनाने के पारम्परिक तरीकों को छोड़कर गैस के इस्तेमाल को बढ़ावा देना सरकार का महत्वाकांक्षी एवं सफल कार्यक्रम रहा है और इसके कारण प्रदूषण स्तर में गिरावट आई है।
गोयल ने ‘स्वच्छ भारत अभियान’ की भी प्रशंसा करते हुए कहा कि इसका उत्सर्जन और पर्यावरणीय क्षरण का स्तर कम करने में योगदान रहा है।