'ऑपरेशन दलित' मुहिम में जुटी भाजपा ने पटना में किया ‘जय भीम पदयात्रा’ का आयोजन, केन्द्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने की अगुवाई
By एस पी सिन्हा | Updated: April 13, 2025 14:50 IST2025-04-13T14:48:08+5:302025-04-13T14:50:16+5:30
Ambedkar Jayanti 2025:उन्होंने सभी युवाओं से आग्रह किया कि वे मिलकर नए भारत के निर्माता बनें और डॉ. आंबेडकर के सपनों को साकार करें।

'ऑपरेशन दलित' मुहिम में जुटी भाजपा ने पटना में किया ‘जय भीम पदयात्रा’ का आयोजन, केन्द्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने की अगुवाई
Ambedkar Jayanti 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए दलित मतदाताओं को रिझाने के उद्देश्य से भाजपा ने अब 'ऑपरेशन दलित' मुहिम में जुट गई है। इसके तहत पार्टी ने संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर की 134 वीं जयंती के अवसर पर बिहार की राजधानी राजधानी पटना में गांधी मैदान से हाई कोर्ट तक पदयात्रा का आयोजन किया गया।
इसमें भाग लेने केंद्रीय श्रम, रोजगार एवं युवा मामले और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया पटना पहुंचे थे। उन्होंने रविवार को ‘जय भीम पदयात्रा’ में हिस्सा लिया। इस पदयात्रा का उद्देश्य डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों, मूल्यों और शिक्षाओं को नई पीढ़ी तक पहुंचाना है।
इस आयोजन की अगुवाई बिहार खेल मंत्रालय ने की और इसे 'मेरा भारत युवा साथियों' के सहयोग से आयोजित किया गया। ‘जय भीम पदयात्रा’ का आयोजन देशभर के सभी प्रमुख राज्यों की राजधानियों में एक साथ किया गया, ताकि अंबेडकर जयंती को युवाओं के बीच व्यापक रूप से मनाया जा सके। इस पदयात्रा की अगुवाई करते हुए डॉ. मनसुख मांडविया ने बताया कि देशभर में 5,000 से अधिक स्थानों पर बाबासाहेब की जयंती पर पदयात्राएं आयोजित की गईं। इनका उद्देश्य डॉ. आंबेडकर के विचारों को जन-जन तक पहुंचाना है।
उन्होंने कहा कि जहां-जहां बाबासाहेब की प्रतिमा स्थापित है, वहां माल्यार्पण के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है। उन्होंने युवाओं से देश की बागडोर संभालने का आह्वान करते हुए कहा कि देश का युवा ही देश का भविष्य है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 में 'विकसित भारत' के निर्माण का जो संकल्प लिया था, वह सिर्फ एक नारा नहीं है, बल्कि एक दिशा है, एक मार्ग है, जिस पर आज का भारत आगे बढ़ रहा है।” मांडविया ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 1985 में 21वीं सदी का सपना दिखाया था, लेकिन उस सपने की ओर बढ़ने का रास्ता स्पष्ट नहीं किया गया था। इसके उलट प्रधानमंत्री मोदी ने संकल्प भी लिया और रास्ता भी दिखाया।
उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि युवाओं द्वारा लिए गए संकल्प का प्रतीक है विकसित भारत का निर्माण। हमें डॉ. आंबेडकर के जीवन से प्रेरणा लेनी है, उनके बनाए संविधान से दिशा लेनी है और समाज के हर वर्ग को साथ लेकर आगे बढ़ना है।' मांडविया ने यह भी कहा कि बाबा साहेब की प्रतिमाओं की सफाई करना केवल बाह्य स्वच्छता नहीं, बल्कि यह हमारे भीतर की स्वच्छता, सरकारी शुद्धता और सुशासन की दिशा में एक कदम है।
उन्होंने सभी युवाओं से आग्रह किया कि वे मिलकर नए भारत के निर्माता बनें और डॉ. आंबेडकर के सपनों को साकार करें। पदयात्रा में शामिल होने वालों में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, मंत्री नितिन नवीन, भाजपा विधान पार्षद संजय मयूख, सांसद रविशंकर प्रसाद, विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव, मंत्री सुरेंद्र महतो, मंत्री मोतीलाल प्रसाद समेत कई अन्य नेता और कार्यकर्ता शामिल रहे।
उल्लेखनीय है कि बिहार के दलित समुदाय में 22 जातियां आती हैं और प्रदेश में करीब 18 फीसदी दलित मतदाता हैं, जिनके लिए 38 सीटें आरक्षित हैं। इस तरह से दलित मतदाता सत्ता बनाने और बिगाड़ने की ताकत रखते हैं। लंबे समय तक यह कांग्रेस का वोट बैंक हुआ करता था, लेकिन 90 के दशक में अगड़े बनाम पिछड़ों की लड़ाई में दलित वोटर राजद के के साथ खड़ा हो गया।
दलितों को अपने साथ रखकर लालू प्रसाद यादव ने 15 साल तक बिहार में सत्ता चलाई। इसके बाद लालू रामविलास पासवान अलग हुए और नीतीश कुमार ने भी अपनी पार्टी बना ली।