ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने साबरमती आश्रम में चलाया चरखा, महात्मा गांधी को लेकर लिखा नोट, देखिए
By अनिल शर्मा | Published: April 21, 2022 12:31 PM2022-04-21T12:31:35+5:302022-04-21T13:19:19+5:30
दो दिवसीय भारत दौरे पर आए ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन गुरुवार को गुजरात में अपने कार्यक्रमों को समाप्त कर शुक्रवार को नयी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे।
अहमदाबादः पीएम नरेंद्र मोदी के निमंत्रम पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन अपने दो दिवसीय यात्रा पर भारत आए हुए हैं। भारत आए यूके के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने गुरुवार को गुजरात स्थित महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम का दौरा किया। इस दौरान जॉनसन के साथ गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल भी मौजूद रहे।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री जॉनसन ने महात्मा गांधी की कर्मभूमि रही साबरमती आश्रम में चरखा चलाया। इसके बाद उन्होंने एक नोट भी लिखा जिसमें उन्होंने महात्मा गांधी के सत्य व अहिंसा के सिद्धांतों का जिक्र किया। प्रधानमंत्री जॉनसन को साबरमती आश्रम द्वारा महात्मा गांधी की शिष्या बनी मेडेलीन स्लेड उर्फ मीराबेन की आत्मकथा 'द स्पिरिट्स पिलग्रिमेज' भेंट की गई।
Boris Johnson pays glowing tributes to Mahatma Gandhi
— ANI Digital (@ani_digital) April 21, 2022
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इसके साथ ही बोरिस को 'गाइड टू लंदन' भी उपहार मं दी गई। मेडेलीन स्लेड उर्फ मीराबेन ब्रिटिश रियर-एडमिरल सर एडमंड स्लेड की बेटी थीं। 'गाइड टू लंदन' महात्मा गांधी द्वारा लिखी गई पहली कुछ पुस्तकों में से एक है जो कभी प्रकाशित नहीं हुई।
#WATCH गुजरात: यूके के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अहमदाबाद के साबरमती आश्रम में चरखा चलाया। इस दौरान उनके साथ मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल मौजूद रहें। pic.twitter.com/1vDClRGvbj
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 21, 2022
गौरतलब है कि जॉनसन के ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनने के बाद उनका यह पहला भारत दौरा है। इससे पहले भी उनके आने का कार्यक्रम बना था लेकिन कोरोना के चलते उन्होंने अपना दौरान रद्द कर दिया था। जॉनसन गुरुवार को गुजरात में अपने कार्यक्रमों को समाप्त कर शुक्रवार को नयी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे।
उच्चायोग ने एक बयान में कहा गया कि जॉनसन अपनी भारत यात्रा का इस्तेमाल ‘‘दुनिया की सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं में से एक के साथ हमारी भागीदारी को बढ़ाने, ब्रिटिश उद्योगों के लिए व्यापार की बाधाओं को कम करने और देश में नौकरियां तथा वृद्धि लाने’’ पर करेंगे। इसमें कहा गया है कि ब्रिटेन विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रमुख नयी साझेदारी की भी पुष्टि करेगा, जिसमें डिजिटल स्वास्थ्य भागीदारी और भारतीय डीप-टेक तथा एआई स्टार्टअप्स के लिए संयुक्त निवेश निधि शामिल है।