उडुपीः हिजाब समर्थन!, सिद्धारमैया सरकार ने सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज के प्राचार्य बीजी रामकृष्ण से सर्वश्रेष्ठ शिक्षक का पुरस्कार वापस लिया?
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 5, 2024 02:20 PM2024-09-05T14:20:51+5:302024-09-05T14:22:22+5:30
मुस्लिम समुदाय के कुछ कार्यकर्ताओं और नेताओं द्वारा कड़ी आपत्ति दर्ज कराए जाने के कारण सरकार ने उन्हें यह पुरस्कार नहीं देने का फैसला किया।
बेंगलुरुः कर्नाटक सरकार ने उडुपी जिले के कुंदापुरा में सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज के प्राचार्य बी जी रामकृष्ण को सर्वश्रेष्ठ शिक्षक का पुरस्कार देने के अपने फैसले को वापस ले लिया है। शिक्षा विभाग के सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। रामकृष्ण को आज शिक्षक दिवस के अवसर पर यह पुरस्कार दिया जाना था।
लेकिन मुस्लिम समुदाय के कुछ कार्यकर्ताओं और नेताओं द्वारा कड़ी आपत्ति दर्ज कराए जाने के कारण सरकार ने उन्हें यह पुरस्कार नहीं देने का फैसला किया। बताया जा रहा है कि शिक्षक के खिलाफ रोष की वजह दो साल पहले राज्य में हिजाब विवाद के दौरान उनका कथित रुख है। एक सूत्र ने बताया, ‘‘सरकार ने पहले उनके नाम की घोषणा की थी, लेकिन अब इसे वापस ले लिया गया है।’’
गोवा : नाबालिग छात्र की पिटाई के आरोप में दो शिक्षिकाएं गिरफ्तार
पुलिस ने उत्तरी गोवा में स्थित स्कूल में नौ वर्षीय छात्र की पिटाई करने के आरोप में बृहस्पतिवार को दो शिक्षिकाओं को गिरफ्तार किया। एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि शिक्षिकाओं ने महज इस बात पर छात्र की पिटाई कर दी थी कि उसने अपनी कॉपी का एक पन्ना फाड़ दिया था। उन्होंने बताया कि यह घटना इस सप्ताह के शुरू की है।
म्हापसा के पुलिस उपाधीक्षक संदेश चोडणकर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि सुजल गावडे और कनिष्का गाडेकर को छात्र के अभिभावक की ओर से कोलवाल पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराने के बाद गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘वागली-कैमुरलिम स्थित श्री सरस्वती विद्या मंदिर प्राथमिक विद्यालय के चौथी कक्षा के छात्र को शिक्षिकाओं ने कथित तौर पर पीटा था।
जिससे उसकी जांघों, पैरों और पीठ पर चोटें आईं और उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।’’ शिकायत के अनुसार, शिक्षिकाओं ने महज इसलिए छात्र की पिटाई कर दी क्योंकि उसने अपनी कॉपी का एक पन्ना फाड़ दिया था। चोडणकर ने कहा कि शिक्षिकाओं पर किशोर न्याय अधिनियम की भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) धारा 82 और गोवा बाल अधिनियम की धारा 8 (1) के तहत मामला दर्ज किया गया है।