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यूडीएफ ने केरल विधानसभा गेट के सामने धरना दिया; कार्यवाही का किया बहिष्कार

By भाषा | Updated: August 12, 2021 19:05 IST

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तिरुवनंतपुरम, 12 अगस्त विवादास्पद डॉलर तस्करी घोटाले पर स्थगन प्रस्ताव के नोटिस को खारिज किए जाने से नाराज विपक्षी यूडीएफ ने बृहस्पतिवार को केरल विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया और विरोध के तौर पर परिसर के बाहर एक प्रतीकात्मक सदन का आयोजन किया।

उन्होंने विधानसभा भवन के मुख्य द्वार के सामने बैठने के बाद सांकेतिक रूप से प्रस्ताव का नोटिस पेश किया और इस सिलसिले में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के इस्तीफे की मांग करते हुए नारेबाजी की।

कांग्रेस विधायक पीटी थॉमस ने नोटिस प्रस्तुत किया, जबकि आईयूएमएल विधायक एन शमसुद्दीन और पी के बशीर ने विपक्ष द्वारा आयोजित 'समानांतर' सदन में क्रमशः अध्यक्ष और मुख्यमंत्री की भूमिका निभाई।

राज्य विधानसभा में विपक्ष का विरोध मीडिया के एक वर्ग द्वारा यह रिपोर्ट किए जाने के एक दिन बाद हुआ कि सीमा शुल्क विभाग ने सोने और डॉलर की तस्करी के मामले में आरोपी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसमें विदेश में डॉलर की तस्करी मामले में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की कथित संलिप्तता का संकेत दिया गया था।

सीमा शुल्क नोटिस कथित तौर पर सोने और डॉलर की तस्करी के मामलों में मुख्य आरोपी के कथित बयान के आधार पर जारी किया गया था कि विजयन और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष पी श्रीरामकृष्णन यहां संयुक्त अरब अमीरात के वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों के माध्यम से यूएई में विदेशी मुद्रा की तस्करी में शामिल थे।

हालांकि यूडीएफ सदस्यों ने शून्यकाल के दौरान सदन में इस मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए स्थगन प्रस्ताव के लिए नोटिस पेश करने की कोशिश की, लेकिन विधानपसभा अध्यक्ष एम बी राजेश ने यह कहते हुए अनुमति देने से इनकार कर दिया कि मामला विचाराधीन है।

अध्यक्ष का समर्थन करते हुए, कानून मंत्री पी राजीव ने भी यह कहा कि विपक्ष ने विधानसभा के नियमों और कार्यवाही का उल्लंघन करते हुए नोटिस पेश करने की कोशिश की।

हालांकि, विपक्ष के नेता वी डी सतीसन ने तर्क दिया कि सदन में इस तरह के नोटिस के लिए पहले भी कई बार अनुमति दी गई थी, खासकर कोडकारा हवाला धन लूट मामला, स्व-वित्तपोषण शुल्क मुद्दा और सबरीमाला महिला प्रवेश आदि जैसे विषयों पर चर्चा करने के लिए ऐसा किया जा चुका है।

उन्होंने कहा कि यदि विजयन ने कुछ भी गलत नहीं किया है, तो यह उनके लिए खुद को निर्दोष साबित करने का एक अवसर है।

उन्होंने यह भी पूछा कि विधानसभा के अलावा इस तरह के मामले पर और कहां चर्चा की जा सकती है।

अध्यक्ष के नहीं मानने पर विपक्ष ने कार्यवाही का बहिष्कार किया और मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर निकल गए।

बाद में उन्होंने विधानसभा भवन के मुख्य द्वार के सामने धरना दिया और वहां प्रतीकात्मक रूप से स्थगन प्रस्ताव पेश किया।

थॉमस द्वारा प्रस्ताव प्रस्तुत करने के बाद, सदन में सतीसन सहित कई बड़े नेताओं ने भाषण दिए, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री के खिलाफ आरोप लगाए।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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