उद्धव ठाकरे का चुनाव आयोग पर तीखा हमला, बोले "अगर आंख में मोतियाबिंद नहीं है तो आकर देखें कि शिवसेना क्या है"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 7, 2023 08:19 AM2023-03-07T08:19:51+5:302023-03-07T08:23:02+5:30
उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्र कोंकण में चुनाव आयोग पर सीधा हमला करते हुए कहा कि अगर उनकी आंख में मोतियाबिंद नहीं है तो यहां कोंकण के खेड़ में आकर देखें कि हम अपनी जगह पर कयाम हैं।
रत्नागिरी: शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग द्वारा पार्टी का चुनाव चिन्ह शिंदे गुट को दिये जाने पर तीखा हमला करते हुए कहा कि कोई भले मेरी पार्टी और चुनाव चिह्न चुरा ले, लेकिन वो जनता के बीच से मुझे कैसे बाहर कर सकते हैं। मैं खासतौर पर चुनाव आयोग से कहना चाहता हूं कि अगर उनकी आंख में मोतियाबिंद नहीं है तो यहां कोंकण के खेड़ में आकर देखें कि हम अपनी जगह पर कयाम हैं। देश में अब चुनाव आयोग नाम की कोई संस्था बची नहीं है क्योंकि वो केंद्र के गुलाम की तरह काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने जिस आधार पर हमसे पार्टी छीना है, वह गलत है। भला कैसे हमारी पार्टी उनकी (शिंदे गुट) की हो सकती है। इस पार्टी को मेरे पिता ने बनाई थी, दिल्ली के चुनाव आयोग ने नहीं। ये चुनाव आयोग दिल्ली सरकार के लिए काम कर रहा है, जो शिवसेना को तोड़ने की कोशिश कर रहा है लेकिन आप सभी हिंदुओं की मराठी मानुष के लिए एक होकर खड़ा होना पड़ेगा।
उद्धव ठाकरे ने सभा में मौजूद लोगों से कहा कि कोंकण के रत्नागिरी जिले का का यह खेड़ विधानसभा क्षेत्र, जो कभी मेरे बहुत अजीज रामदास कदम का गृह क्षेत्र है। यहां मैं इसलिए आया हूं ताकि जनता को बता सकूं कि कदम ने शिंदे गुट में जातक कितना भारी पाप किया है। इस मौके पर उन्होंने भाजपा की कार्यशैली पर तीखा व्यंग्य करते हुए कहा वो एक समझ लें कि गोमूत्र छिड़कने से आजादी नहीं मिलती। यहां आये सभी लोगों से पूछना चाहता हूं कि क्या गोमूत्र छिड़कने से देश को आजादी मिली थी? नहीं न। ये आजादी हमें हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा अपने जीवन के दिये बलिदान से मिली है।
उद्धव ने भाजपा पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा को जानता ही कौन था। एक वक्त था जब वो बालासाहेब ठाकरे के पीछे खामोशी से खड़े रहा करते थे लेकिन उनके जाते ही वो ऐसा खराब व्यवहार कर रहे हैं। भाजपा वालों का पहला काम है उन लोगों को खत्म करना, जिन्होंने उनका साथ दिया हो। चुनाव आयोग का फैसला मंजूर न तो महाराष्ट्र की जनता को और न मुझे मंजूर नहीं है। इसलिए मैं अपनी पार्टी को अब भी शिवसेना ही कहूंगा।
अपनी बात में सरदार पटेल और नेताजी का हवाला देते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि संघ पर प्रतिबंध लगाया था सरदार पटेल ने, लेकिन सत्ता पाने के लिए भाजपा ने सरदार पटेल का नाम को चुराया। ठीक उसी तरह जैसे उन्होंने सुभाष चंद्र बोस और बालासाहेब ठाकरे का नाम चुराया है। अब महाराष्ट्र की जनता को यह तय करना होगा कि वे मुझे चाहते हैं या एकनाथ शिंदे को। जनता का फैसला मुझे स्वीकार होगा लेकिन चुनाव आयोग का नहीं।