उद्धव ठाकरे ने अमित शाह को अहमद शाह अब्दाली का राजनीतिक उत्तराधिकारी बताया, पीएम मोदी और अजित पवार पर भी प्रहार
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: August 3, 2024 06:05 PM2024-08-03T18:05:11+5:302024-08-03T18:06:31+5:30
1747 में अफगानिस्तान में दुर्रानी साम्राज्य की स्थापना करने वाले अब्दाली से अमित शाह की तुलना करते हुए ठाकरे ने कहा कि जो लोग जन्मदिन का केक खाने के लिए पाकिस्तान गए थे, उन्हें हमारी पार्टी को हिंदुत्व नहीं सिखाना चाहिए।
नई दिल्ली: शिव सेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को अहमद शाह अब्दाली का राजनीतिक उत्तराधिकारी बताते हुए जबरदस्त हमला बोला है। 1747 में अफगानिस्तान में दुर्रानी साम्राज्य की स्थापना करने वाले अब्दाली से अमित शाह की तुलना करते हुए ठाकरे ने कहा कि जो लोग जन्मदिन का केक खाने के लिए पाकिस्तान गए थे, उन्हें हमारी पार्टी को हिंदुत्व नहीं सिखाना चाहिए।
ठाकरे ने शनिवार को पुणे शहर में "शिव संकल्प" रैली में कहा, "कुछ दिन पहले, अहमद शाह अब्दाली का राजनीतिक उत्तराधिकारी पुणे आया था। कौन है ये? वह अमित शाह थे। उन्होंने कहा कि सेना ने हिंदुत्व छोड़ दिया है। हमें हिंदुत्व क्यों छोड़ना चाहिए? जो लोग पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का जन्मदिन का केक खाने के लिए पाकिस्तान गए, उन्हें हमें यह नहीं सिखाना चाहिए कि हिंदुत्व क्या है।"
ठाकरे ने कहा कि अगर शाह मुझे औरंगजेब फैन क्लब और औरंगजेब के साथ जोड़ने जा रहे हैं तो मैं भी उन्हें अहमद शाह अब्दाली कहने से नहीं रुकूंगा। तत्कालीन आरएसएस प्रमुख बालासाहेब देवरस द्वारा तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी को लिखे गए एक पत्र का हवाला देते हुए ठाकरे ने कहा, "उन्हें (देवरास) मुसलमानों या गैर-हिंदुओं के प्रति कोई नफरत नहीं थी और वह हिंदुओं की विशेषता, धर्मनिरपेक्षता को उच्च सम्मान में रखते हैं। क्या संघ का ये हिंदुत्व अमित शाह को स्वीकार्य नहीं है?"
ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र के लोगों ने लोकसभा चुनाव के दौरान शाह को सबक सिखाया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार करने और मतदाताओं से पिटाई खाने के बाद अमित शाह अपने नेताओं से हार का कारण पूछने के लिए लौट गए। ठाकरे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस से उसके 70 साल पुराने शासन के लिए जवाबदेही मांग रहे हैं। मोदी को पहले अपनी सरकार के इस कुशासन के बारे में बताना चाहिए। ठाकरे ने कहा कि इनके शासन में सिर्फ एक साल के निर्माण के बाद ही नई संसद में पानी टपकने लगा।
ठाकरे ने यह भी कहा कि मैं पुणे की खातिर विधानसभा चुनाव जीतना चाहता हूं। जब मैं मुख्यमंत्री था तो मैं इसके विकास को लेकर उत्सुक था। हालाँकि, मैं जारी नहीं रख सका क्योंकि एक 'सूबेदार' (अजित पवार) पहले से ही फैसले ले रहा था। राज्य की बागडोर हमें दीजिए, मैं ऐसी सड़कें बनाऊंगा जो 200 साल तक चलेंगी।