दिल्ली लॉकडाउनः कैब ऑपरेटर उबर का बड़ा फैसला, सभी राइड सेवाओं को अस्थाई रूप से किया सस्पेंड
By रामदीप मिश्रा | Published: March 23, 2020 09:45 AM2020-03-23T09:45:56+5:302020-03-23T09:47:05+5:30
कोरोना वायरस: दिल्ली सरकार द्वारा घोषित लॉकडाउन के चलते कैब ऑपरेटर उबर ने शहर में सभी सवारी सेवाओं को अस्थायी रूप से सस्पेंड कर दिया है।
नई दिल्लीःकोरोना वायरस के बढ़ते कोहराम के चलते राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली आज सुबह से लॉकडाउन की गई है। अधिकतर इलाकों में सुबह से ही सन्नाटा पसरा हुआ है। लोग सड़कों पर कम निकल रहे हैं। इस बीच लॉकडाउन को देखते हुए उबर ने बड़ा फैसला लिया है और अस्थाई रूप से अपनी सेवाओं को बंद कर दिया है।
समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली सरकार द्वारा घोषित लॉकडाउन के चलते कैब ऑपरेटर उबर ने शहर में सभी सवारी सेवाओं को अस्थायी रूप से सस्पेंड कर दिया है। दरअसल, सीएम अरविंद केजरीवाल ने बीते दिन घोषणा की थी कि 23 मार्च को सुबह छह बजे से राजधानी लॉकडाउन में रहेगी।
यह लॉकडाउन 31 मार्च को अर्द्धरात्रि तक चलेगा। लॉकडाउन में सार्वजनिक परिवहन का कोई साधन नहीं चलेगा और दिल्ली की सीमाओं को सील कर दिया गया है, लेकिन स्वास्थ्य, खानपान, जल और विद्युत आपूर्ति आदि से संबंधित आवश्यक सेवाएं जारी हैं। आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को गतंव्य तक पहुंचाने के लिए डीटीसी की 25 प्रतिशत बसें चलाई जा रही हैं।
दिल्ली: दिल्ली सरकार द्वारा घोषित लॉकडाउन के चलते कैब ऑपरेटर उबर ने शहर में सभी सवारी सेवाओं को अस्थायी रूप से सस्पेंड कर दिया है। #CoronavirusPandemicpic.twitter.com/yo0miD2JrI
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 23, 2020
इस बीच दुग्ध उत्पाद की दुकानें, किराना दुकानें, दवा की दुकानें और पेट्रोल पंप खुले हैं। वहीं जरूरी सेवाओं से जुड़े सभी लोगों को इस दौरान आवागमन की अनुमति दी गई है।
सीएम केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली में कोविड-19 के कुल 27 मामले सामने आये हैं जिनमें से छह स्थानीय स्तर पर एक व्यक्ति से दूसरे में संक्रमण के हैं, वहीं 21 मामले विदेशों से आये लोगों के हैं। पांच से ज्यादा लोगों को इकट्ठा होने की इजाजत नहीं है और लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जो लोग जरूरी चीजों के लिए घरों से बाहर निकलते हैं उनकी बात पर भरोसा किया जाएगा। निजी क्षेत्र के दफ्तरों को लॉकडाउन के दौरान अपने कर्मचारियों को वेतन देना होगा। कर्मचारियों को काम पर माना जाएगा और कंपनियां पगार नहीं काटेंगी।