इस नाम से जाने जाएंगे राष्ट्रपति भवन में दो हॉल, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा- शहंशाह की बात निराली...
By आकाश चौरसिया | Published: July 25, 2024 02:52 PM2024-07-25T14:52:14+5:302024-07-25T15:24:49+5:30
आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के द्वारा दी गई स्वीकृति के बाद दो हॉल के नाम में बड़े बदलाव हुए। अब इस पर कटाक्ष करते हुए कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा कि ये तो शहंशाह की अवधारणा है।
नई दिल्ली: संसद के निकट स्थित राष्ट्रपति भवन के दो हॉल का नाम बदल दिया गया है। हालांकि, नामों के बदलाव में सहमति मौजूदा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दी। अब भवन में स्थित 'दरबार हॉल' और 'अशोक हॉल' का नाम बदलकर 'गणतंत्र मंडप' और 'अशोक मंडप' कर दिया गया है। हालांकि, राष्ट्रपति भवन में हुए इस बदलाव राजनीतिक तौर पर विपक्षी पार्टियां हमलावर हो गई और तरह-तरह के आरोप लगा रही हैं।
वहीं, राष्ट्रपति भवन के दो हॉल के नाम बदलने की प्रक्रिया पर कांग्रेस नेता और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि ये बाहर की अवधारणा नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ये शहंशाह का कॉन्सेप्ट है।
Rashtrapati Bhavan's 'Durbar Hall' and 'Ashok Hall' have been renamed 'Ganatantra Mandap' and 'Ashok Mandap,' respectively, by President Droupadi Murmu pic.twitter.com/JVPignIF3i
— IANS (@ians_india) July 25, 2024
दरबार हॉल राष्ट्रपति भवन में वो जगह है, जहां राष्ट्रीय पुरस्कारों से जुड़े कार्यक्रमों का आयोजन होता है। दरबार हॉल शब्द का मतलब भारतीय शासकों और अंग्रेजों की अदालतों और सभाओं से है। भारत के गणतंत्र बनने के बाद इसकी प्रासंगिकता यानी 'गणतंत्र' खो गई। गणतंत्र की अवधारणा प्राचीन काल से भारतीय समाज में गहराई से निहित है, इसलिए गणतंत्र मंडप आयोजन स्थल के लिए एक उपयुक्त नाम है।
'Durbar Hall' is the venue of important ceremonies and celebrations such as the presentation of National Awards. The term 'Durbar' refers to courts and assemblies of Indian rulers and the British. It lost relevance after India became a Republic, that is, ‘Ganatantra’. The concept… pic.twitter.com/VftsJZxvLY
— IANS (@ians_india) July 25, 2024
राष्ट्रपति भवन- लोगों की एक अमूल्य विरासत
राष्ट्रपति भवन, भारत के राष्ट्रपति का कार्यालय और निवास स्थान, राष्ट्र का प्रतीक और लोगों की एक अमूल्य विरासत है। इसे लोगों तक और अधिक पहुंचाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। राष्ट्रपति भवन के वातावरण को भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों और लोकाचार को प्रतिबिंबित करने वाला बनाने का लगातार प्रयास किया गया है।
दरबार की कोई अवधारणा नहीं है, लेकिन 'शहंशाह' की अवधारणा है।
— With Priyanka Gandhi 🇮🇳 (@FanPriyankaGV) July 25, 2024
- Priyanka Gandhi pic.twitter.com/cgaOsgILpr