तृप्ति देसाई ने रद्द की सबरीमाला मंदिर जाने की योजना, कहा, 'जल्द वापस आऊंगी'

By भाषा | Published: November 27, 2019 05:50 AM2019-11-27T05:50:13+5:302019-11-27T05:50:30+5:30

Trupti Desai: तृप्ति देसाई ने भारी विरोध की वजह से अपनी सबरीमाला मंदिर जाने की योजना रद्द कर दी, लेकिन कहा कि वह जल्द ही वापस लौटेंगी

Trupti Desai cancels Sabarimala visit | तृप्ति देसाई ने रद्द की सबरीमाला मंदिर जाने की योजना, कहा, 'जल्द वापस आऊंगी'

तृप्ति देसाई ने भारी विरोध के चलते रद्द की अपनी सबरीमाला यात्रा

Highlightsपुलिस ने किया था तृप्ति देसाई को सुरक्षा देने से इनकारतृप्ति देसाई ने कहा कि वह सबरीमाला मंदिर जाने के लिए जल्द लौटेंगी

कोच्चि: सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल उम्र की महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ श्रद्धालुओं और तृप्ति देसाई के नेतृत्व में महिला अधिकार कार्यकर्ताओं के बीच 12 घंटे से जारी गतिरोध मंगलवार की रात समाप्त हो गया। यह गतिरोध उस समय समाप्त हो गया जब देसाई ने भगवान अयप्पा के दर्शन करने की अपनी योजना रद्द करने का फैसला किया।

पुलिस ने सुरक्षा कारणों से तृप्ति को श्रद्धालुओं, भाजपा और दक्षिणपंथी संगठनों के प्रदर्शन की वजह से मंदिर प्रवेश करने के लिए संरक्षण देने से मना कर दिया था जिसके बाद उन्होंने महाराष्ट्र लौटने का फैसला किया। तृप्ति ने पत्रकारों से कहा, ‘‘कोच्चि पुलिस आयुक्तालय में हमारी पुलिस अधिकारियों से चर्चा हुई और उन्होंने बताया कि हमारी जान को यहां खतरा है और हम सुरक्षित नहीं है। इसलिए हमने वापस लौटने का फैसला किया है लेकिन भविष्य में सबरीमला मंदिर लौटेंगे और हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।’’

उन्होंने आयुक्त कार्यालय के समक्ष हिंदू दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं द्वारा महिला कार्यकर्ता बिंदू अम्मिनी पर हुए कथित हमले की भी निंदा की। तृप्ति यहां अपनी पांच महिला साथियों के साथ मंगलवार की सुबह सबरीमला मंदिर के दर्शन करने के लिए पहुंची थी और उन्होंने घोषणा की थी कि मंदिर में दर्शन के बाद ही वह केरल से वापस जाएगी। केरल सरकार ने देसाई के सबरीमाला आने को साजिश करार दिया है। देसाई और उनके साथी जैसे ही हवाई अड्डे पर उतरे वे पुलिस आयुक्त कार्यालय गए और सबरीमाला जाने के लिए सुरक्षा की मांग की।

हालांकि, पुलिस ने उच्चतम न्यायालय द्वारा सभी उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश देने के 2018 के फैसले की समीक्षा के चलते उन्हें सुरक्षा देने से इनकार कर दिया। देसाई के पुलिस आयुक्त कार्यालय में पहुंचने की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में सबरीमला कर्म समिति और भाजपा कार्यकर्ता कार्यालय के समक्ष एकत्र हो गए और ‘अयप्पा शरणम’ का जाम करने लगे। सूत्रों ने बताया कि देसाई के साथ आई केरल की कार्यकर्ता बिंदू अम्मिनी पर दक्षिणपंथी समूह के कार्यकर्ताओं ने मिर्च स्प्रे से तब हमला किया जब वह अपने वाहन से कोई कागजात लेने आयुक्त कार्यालय से बाहर आ रही थी।

टेलीविजन चैनलों पर भी इस हमले के फुटेज प्रसारित हुए। हमला करने वाले व्यक्ति की पहचान श्रीनाथ पद्मानाभन के रूप में की गई है और उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके खिलाफ मामला मुकदमा दर्ज किया गया है। अम्मिनी के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल को जनरल अस्पताल में भर्ती कराया गया और इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई। प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन पुलिस के भरोसे के बाद बंद किया।

पुलिस ने कहा कि वह महिलाओं को सुरक्षा मुहैया नहीं कराएगी। पूरे घटनाक्रम पर सर्तक प्रतिक्रिया देते हुए माकपा नीत वाम मोर्चा की सरकार ने अम्मिनी पर हमले की निंदा की लेकिन साथ ही स्पष्ट किया कि प्रतिबंधित उम्र की किसी महिला को पुलिस सुरक्षा तब तक नहीं दी जाएगी जब तक इस संबध में उच्चतम न्यायालय से आदेश नहीं लाते। केरल के देवस्वओम मंत्री कडकमपल्ली सुरेंद्रन ने आरोप लगाया कि देसाई के सबरीमला आने के पीछे साजिश है। त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड अध्यक्ष एन वासू ने कहा कि महिलाओं ने मंदिर आने की जानकारी नहीं दी थी।

सबरीमाला मामले में उच्चतम न्यायालय में जिरह करने वाले मशहूर वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि देसाई आंदोलन के नाम पर कार्य कर रही हैं जबकि न्यायालय के समक्ष मामला अब भी लंबित है। उन्होंने कहा, ‘‘ अंतिम फैसला आने से पहले कम से कम मंदिर से जुड़े लोगों की भावना का सम्मान किया जाना चाहिए।’’ केरल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्नीथला ने आरोप लगाया कि तृप्ति का सबरीमला आना भाजपा और माकपा की तीर्थयात्रा को छिन्न बिन्न करने की साजिश है।

उन्होंने कहा, ‘‘तृप्ति का संघ परिवार से संबद्ध है जबकि अम्मिनी माकपा समर्थक है। दोनों सबरीमला के दर्शन करने आई है। यह सबरीमाला तीर्थ यात्रा बाधित करने की साजिश है।’’ कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता ने सरकार से शांति और मंदिर की पवित्रता बनाए रखने की अपील की है। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने मंदिर में प्रतिबंधित उम्र की महिलाओं को प्रवेश देने के मामले को वृहद पीठ को सौंप दिया है। हालांकि पिछले साल सभी उम्र की महिलाओं को सबरीमला मंदिर में प्रवेश देने के आदेश पर रोक नहीं लगाई है। इस फैसले के कुछ दिन बाद ही 16 नवंबर को सबरीमला के कपाट वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए खोले गये थे। 

Web Title: Trupti Desai cancels Sabarimala visit

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