शरद पवार ने कहा- संयुक्त राष्ट्र में आदिवासियों को 'भारत के मूल निवासियों' की मान्यता दिलाई जाए
By भाषा | Published: January 26, 2020 06:59 PM2020-01-26T18:59:20+5:302020-01-26T18:59:20+5:30
शरद पवार ने मध्यप्रदेश से ताल्लुक रखने वाले शहीद स्वतंत्रता सेनानी टंट्या भील की 178वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने अपील की कि मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में 26 जनवरी को टंट्या भील की जयंती मनायी जानी चाहिये।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने जनजातीय समुदाय को "देश का सच्चा मालिक" बताते हुए आदिवासियों की इस मांग का रविवार को समर्थन किया कि उन्हें संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के मूल निवासियों के रूप में आधिकारिक मान्यता दिलायी जानी चाहिये। पवार ने यहां मध्य भारत के आदिवासी संगठनों के आयोजित पहले "संवैधानिक अधिकार सम्मेलन" में कहा, "आदिवासी भारत के मूल निवासी हैं और इस बात को संयुक्त राष्ट्र संघ की भी मान्यता दिलाये जाने की आवश्यकता है। हम इस विषय में जनजातीय समुदाय की मांग का समर्थन करते हैं और इसे पूरा करने का प्रयास करना हमारा फर्ज समझते हैं।"
उन्होंने कहा, "आदिवासी देश के सच्चे मालिक हैं। उनमें देश को ठीक रास्ते पर ले जाने की ताकत है।" पवार ने मध्यप्रदेश से ताल्लुक रखने वाले शहीद स्वतंत्रता सेनानी टंट्या भील की 178वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने अपील की कि मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में 26 जनवरी को टंट्या भील की जयंती मनायी जानी चाहिये।
राज्यसभा सदस्य ने यह भी कहा कि वह राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और संसद के दोनों सदनों के सभापतियों से चर्चा कर संसद भवन में शहीद टंट्या भील की प्रतिमा स्थापित किये जाने की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि चूंकि मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के आदिवासी समान समस्याओं से जूझ रहे हैं। इसलिये शिक्षा, रोजगार और कृषि जैसे विषयों पर दोनों पड़ोसी सूबों के आदिवासियों के लिये एक संयुक्त कार्यक्रम आयोजित किया जाना चाहिये।
पवार ने इस बात पर खुशी जतायी कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उनके इस सुझाव पर सकारात्मक रुख दिखाया है। आदिवासी संगठनों के आयोजित कार्यक्रम में कमलनाथ भी शामिल हुए थे।