'बर्बर था टीपू सुल्तान, असदुद्दीन ओवैसी से क्या की जा सकती है उम्मीद', AIMIM प्रमुख पर अमित मालवीय ने बोला हमला
By मनाली रस्तोगी | Published: November 11, 2022 04:06 PM2022-11-11T16:06:25+5:302022-11-11T16:13:23+5:30
अमित मालवीय ने असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के टीपू जयंती समारोह की आलोचना में लिखा कि अगर टीपू जीत जाते तो मैसूर पुदुचेरी की तरह फ्रांस का उपनिवेश बन जाता।
नई दिल्ली: कर्नाटक के हुब्बलू में विवादास्पद ईदगाह मैदान में टीपू जयंती मनाने के असदुद्दीन ओवैसी के बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अमित मालवीय ने एआईएमआईएम प्रमुख पर निशाना साधा। मालवीय ने कहा कि टीपू सुल्तान कोई स्वतंत्रता सेनानी नहीं थे कि उनकी जयंती मनाई जानी चाहिए, लेकिन ओवैसी से और कुछ भी उम्मीद नहीं की जा सकती, जिनके राजनीतिक पूर्वज रजाकार थे।
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, "टीपू जयंती मनाना मुसलमानों सहित सभी भारतीयों की संवेदनाओं का अपमान है। उनकी विरासत एक धब्बा है। टीपू एक बर्बर था, जिसने कुर्ग में कोडवाओं, मैंगलोर में सीरियाई ईसाइयों, कैथोलिकों, कोंकणी, मालाबार के नायरों, मांड्यायन अयंगरों, जिन्हें दिवाली पर सैकड़ों की संख्या में फांसी दी गई थी, पर अनकहा कष्ट पहुंचाया, जिसके कारण उनके वंशजों ने ऐसा नहीं किया।"
अमित मालवीय ने आगे लिखा, "आज तक त्योहार नहीं मनाते। उसने असंख्य मंदिरों और चर्चों को तोड़ा, लोगों को जबरदस्ती इस्लाम में परिवर्तित किया। उनकी तलवार पर काफिरों के खिलाफ जिहाद शुरू करने का शिलालेख था। वह कोई स्वतंत्रता सेनानी नहीं थे। वह फ्रांसीसियों की मदद ले रहा था, जो अंग्रेजों से कम औपनिवेशिक नहीं थे। अगर टीपू जीत जाते तो मैसूर पुदुचेरी की तरह एक फ्रांसीसी उपनिवेश बन जाता।"
…the Mandyan Iyengars, who were hanged in hundreds on Diwali, due to which their descendants don’t celebrate the festival to this day. He broke innumerable temples and Churches, forcefully converted people to Islam. His sword had inscription to launch jihad against the infidels.
— Amit Malviya (@amitmalviya) November 11, 2022
सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए मालवीय ने लिखा, "टीपू सुल्तान ने भारत पर आक्रमण करने के लिए अफगानिस्तान से जमान शाह को आमंत्रित किया और भारत पर आक्रमण करने के लिए नेपोलियन को लिखा और एक इस्लामी खिलाफत की स्थापना की और अंग्रेजों के खिलाफ फ्रांसीसी जीत सुनिश्चित की। एक स्वतंत्रता सेनानी के ये लक्षण कैसे हैं?"
He was no freedom fighter. He was taking the help of French, who were no less colonial than the British. Mysore would have become a French colony, like Pondicherry, if Tipu had won. He invited Zaman Shah from Afghanistan to invade India and establish an Islamic Caliphate…
— Amit Malviya (@amitmalviya) November 11, 2022
वहीं, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी पर हमला बोलते हुए अमित मालवीय ने लिखा, "लेकिन ओवैसी से इससे बेहतर और क्या उम्मीद की जा सकती है, जिनके राजनीतिक पूर्वज रजाकार थे, जिन्होंने हैदराबाद में हिंदुओं का कत्लेआम किया और जातीय रूप से उनका सफाया किया!" टीपू जयंती मनाने की घोषणा पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने तब की थी जब कांग्रेस सत्ता में थी।
…wrote to Napolean to invade India and ensured French victory against British. How are these the traits of a freedom fighter?
— Amit Malviya (@amitmalviya) November 11, 2022
But what better can one expect from Owaisi, whose political ancestors were the Razakars, who massacred and ethnically cleansed the Hindus in Hyderabad!
तारीख 10 नवंबर तय की गई थी, हालांकि टीपू सुल्तान की जयंती 1 दिसंबर को होती है। भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद उसने टीपू जयंती समारोह रद्द कर दिया। हालांकि, ईदगाह मैदान में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) को जश्न के लिए नागरिक निकाय ने मंजूरी दे दी।