टाइम मैगजीन के कवर पर छपा किसान आंदोलन में शामिल महिलाओं की तस्वीर, कैप्शन में लिखा है- 'मुझे डराया और खरीदा नहीं जा सकता'

By अनुराग आनंद | Published: March 5, 2021 01:15 PM2021-03-05T13:15:55+5:302021-03-05T13:18:03+5:30

विश्व की प्रसिद्ध टाइम मैगजीन ने इस बार अपना कवर पेज उन महिलाओं को समर्पित किया है, जो दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन में हिस्सा ले रही और पिछले कई माह से दिल्ली बॉर्डर पर डटी हुई हैं।

TIME magazine dedicates its cover to women leading India’s farmer protests | टाइम मैगजीन के कवर पर छपा किसान आंदोलन में शामिल महिलाओं की तस्वीर, कैप्शन में लिखा है- 'मुझे डराया और खरीदा नहीं जा सकता'

टाइम मैगजीन की कवर पर किसान आंदोलन की महिलाएं (टाइम मैगजीन ट्विटर फोटो साभार)

Highlightsकिसान आंदोलन में हिस्सा ले रही महिलाओं की तस्वीर के कैप्शन में लिखा है कि मुझे डराया और खरीदा नहीं जा सकता है।टाइम मैगजीन के कवर पेज पर महिला किसानों को छोटे बच्चों को अपनी गोद में लेकर नारेबाजी करते हुए दिखाया गया है।

नई दिल्ली: विश्व की प्रसिद्ध टाइम मैगजीन ने एक बार फिर से अपने कवर पेज पर भारतीय महिलाओं की तस्वीर को छापा है। इस बार टाइम मैगजीन ने अपने कवर को भारतीय किसान महिलाओं को समर्पित किया है।

बता दें कि ये महिलाएं दिल्ली की सीमाओं पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के बनाए तीन कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही हैं। महिलाएं बीते कई माह से दिल्ली बॉर्डर पर कैंप कर रही हैं और तीनों नए विवादास्पद कृषि कानूनों की वापसी की मांग कर रही हैं।

इंडिया टुडे के मुताबिक, टाइम मैगजीन ने अपने कवर पर दिल्ली में प्रदर्शन कर रही इन महिलाओं की तस्वीर छापने के साथ ही कैप्शन में लिखा है कि 'मुझे डराया नहीं जा सकता और न ही मुझे खरीदा जा सकता है।'

टाइम मैगजीन के कवर पर गोद में बच्चा लिए किसान आंदोलन में हिस्सा ले रही महिलाएं दिखी-

कवर पेज पर छपे तस्वीर में कुछ महिला किसानों को अपने छोटे-छोटे बच्चों को अपनी गोद में लेकर नारेबाजी करते हुए दिखाया गया है। तस्वीर में बुजुर्ग महिला प्रदर्शनकारी भी शामिल हैं, जो बीते कई महीनों से दिल्ली की सीमाओं से सटे किसान आंदोलन स्थलों पर एक मौजूद हैं।

TIME पत्रिका लेख में इस बात का जिक्र है कि कैसे महिला किसानों ने अपने आंदोलन को जारी रखने का संकल्प लिया है। सरकार ने महिलाओं व बुजुर्गों को घर वापस जाने के लिए कहा, लेकिन इसके बाद भी बड़ी संख्या में महिलाएं बॉर्डर पर डटी रहीं। महिलाओं ने बताया है कि किस तरह से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान हजारों की संख्या में बॉर्डर पर आंदोलन को आगे बढ़ा रहे हैं। 

रिहाना, ग्रेटा थनबर्ग, विदेश मंत्रालय और टाइम मैगजीन ने आंदोलन को बनाया वैश्विक मुद्दा-

बता दें कि भारत में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर दुनिया की मशहूर गायिका रिहाना और नोबेल पुरस्कार के लिए नामित ग्रेटा थनबर्ग जैसी अंतरराष्ट्रीय हस्तियों ने पहले ही ट्वीट कर इस मामले को अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचा दिया है। यही वजह है कि पिछले कुछ समय में किसान आंदोलन को दुनिया भर के लोगों का समर्थन प्राप्त हो रहा है।

इस मामले पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा टिप्पणी किए जाने के बाद इस खबर ने वैश्विक स्तर पर मीडिया में अपना जगह बनाया। अब टाइम मैगजीन ने अपने कवर पेज पर किसान आंदोलन को इस संस्करण में सर्वाधिक महत्व का टॉपिक बताया है। ऐसे में साफ है कि एक बार फिर से किसान आंदोलन की खबर दुनिया भर के पाठकों तक पहुंचेगी।

Web Title: TIME magazine dedicates its cover to women leading India’s farmer protests

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