Exclusive: भूमिपूजन से पहले विनय कटियार ने कई पहलुओं पर की बात, कहा- राम मंदिर के लिए संघर्ष करने वालों की शिलान्यास में नहीं होगी कोई भूमिका
By नितिन अग्रवाल | Published: August 2, 2020 04:32 PM2020-08-02T16:32:05+5:302020-08-02T16:38:39+5:30
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 5 अगस्त को होने वाले भूमिपूजन से पहले राम मंदिर आंदोलन का प्रमुख चेहरा रहे पूर्व सांसद विनय कटियार ने लोकमत से बात की अपनी राय रखी।
नई दिल्ली। राम मंदिर आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले नेता शिलान्यास में केवल दर्शक की भूमिका में ही नजर आएंगे. राम मंदिर आंदोलन का प्रमुख चेहरा रहे पूर्व सांसद विनय कटियार का कहना है कि 15 सेकंड के छोटे शुभ मुहूर्त में होने वाले शिलान्यास में किसी की कोई भूमिका नहीं होगी. मंदिर और इसके विभिन्न पहलुओं पर लोकमत समाचार ने बजरंगदल के संस्थापक अध्यक्ष विनय कटियार से विशेष बातचीत की. पेश हैं प्रमुख अंश...
विनय कटियार ने कहा कि शिलान्यास में किसी की भूमिका का कोई सवाल ही नहीं है. यह केवल 200-250 लोगों का कार्यक्रम है. कोविड-19 के चलते सबको अलग अलग बैठाया जाएगा. प्रधानमंत्री मोदी 15 सेकंड के शुभ महूर्त में शिलापूजन करेंगे. हालांकि वह 3 घंटे अयोध्या में रहेंगे. मंदिर आंदोलन खड़ा करने वाले लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती सरीखे नेताओं के हाशिए पर जाने के सवाल पर कटियार कहते हैं इसमें न्याय-अन्याय जैसा कुछ नहीं. आज मंदिर बनाने का रास्ता साफ हुआ है. सभी मिलकर इसे बना रहे हैं. जो लोग उस समय कहीं नहीं थे आज वह भी साथ हैं.
भाजपा ने मंदिर को कभी चुनावी मुद्दा नहीं बनाया
मंदिर को मुद्दा बनाकर भाजपा के सत्ता तक पहुंचने के सवाल पर कटियार ने कहा कि भाजपा ने मंदिर को समर्थन दिया, लेकिन कभी मुद्दा नहीं बनाया. पार्टी ने चुनावी वादों की फेहरिस्त में इसे जगह दी, लेकिन मुद्दा बनाना बिल्कुल अलग बात है. भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीर पुरुष हैं. वह अयोध्या आ रहे हैं. उनके कार्यकाल में मंदिर बनने का रास्ता साफ हुआ.
कटियार ने कहा कि मंदिर के लिए देशभर से रामनाम लिखी ईटें लेकर रामभक्त कारसेवक अयोध्या पहुंचे. उस समय देश को जगाने और एकजुट करने का काम हमने किया. तब आंदोलन की जरूरत थी, अब मंदिर का निर्माण शुरू करना है.
मुलायम सिंह को दोषी मानते हैं विनय कटियार
विनय कटियार कारसेवकों पर गोली चलाने के लिए मुलायम सिंह को दोषी मानते हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रहते मुलायम सिंह ने पूरी अयोध्या की सड़कें रक्त रंजित करा दीं. 1528 में मंदिर के लिए शुरू हुए संघर्ष में सैंकड़ों सालों के दौरान साढ़े तीन लाख लोगों ने अपना बलिदान दिया. मंदिर का शिलान्यास उन बलिदानियों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि है.