चुनाव में जीत के लिए संघर्ष करने वाले लोगों को जरूर सम्मान मिलना चाहिए: सचिन पायलट

By भाषा | Published: January 26, 2020 04:38 PM2020-01-26T16:38:34+5:302020-01-26T16:38:34+5:30

पायलट ने कहा कि ऐसा होता आया है कि सरकार के गठन के बाद पार्टी संगठन को हल्के में ले लिया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि राजस्थान के सात करोड़ लोगों ने कांग्रेस पर विश्वास करके उसे वोट दिया।

Those fighting for victory in the election must get respect says Sachin Pilot | चुनाव में जीत के लिए संघर्ष करने वाले लोगों को जरूर सम्मान मिलना चाहिए: सचिन पायलट

चुनाव में जीत के लिए संघर्ष करने वाले लोगों को जरूर सम्मान मिलना चाहिए: सचिन पायलट

Highlightsराज्य के कोटा में नवजात बच्चों की मौत के मुद्दे से निपटने के तरीकों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की आलोचना के बाद उनकी यह टिप्पणी आई है। उप मुख्यमंत्री लगातार इस बात पर जोर देते रहे हैं कि सरकार को लोगों तक पहुंचाना चाहिए।

राजस्थान में कांग्रेस द्वारा एक समन्वय समिति गठित करने की प्रशंसा करते हुए राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने इसे ‘अच्छा कदम’ करार दिया। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने चुनाव में जीत सुनिश्चित करने के लिए संघर्ष किया, उन्हें जरूर यह महसूस कराया जाना चाहिए कि वह राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। पायलट ने कहा कि ऐसा होता आया है कि सरकार के गठन के बाद पार्टी संगठन को हल्के में ले लिया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि राजस्थान के सात करोड़ लोगों ने कांग्रेस पर विश्वास करके उसे वोट दिया।

इसके बाद ही पार्टी ने यह निर्णय लिया कि कौन मुख्यमंत्री, कौन उपमुख्यमंत्री और कौन मंत्री बनेगा। राज्य के कोटा में नवजात बच्चों की मौत के मुद्दे से निपटने के तरीकों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की आलोचना के बाद उनकी यह टिप्पणी आई है।

वहीं कुछ समय पहले कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने राजस्थान और कांग्रेस शासित राज्यों में पार्टी और सरकार का सुचारू रूप से कामकाज सुनिश्चित करने के लिए समन्वय और घोषणापत्र कार्यान्वयन समितियों के गठन की बात कही थी पीटीआई-भाषा को दिए साक्षात्कार में पायलट ने कहा कि सरकार का हिस्सा होने और आरपीसीसी प्रमुख के तौर पर यह उनकी जिम्मेदारी है कि पार्टी को दोबारा सत्ता में लाने के लिए कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए संघर्ष को पहचान मिले।

उन्होंने पिछले सप्ताह ही प्रदेश पार्टी अध्यक्ष के रूप में छह साल पूरे किए हैं । वह राज्य ईकाई के अब तक के सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष बने रहने वाले नेता हैं । उन्होंने कहा कि विपक्ष में रहने और संघर्षों के दिन में पार्टी अध्यक्ष के रूप में राज्य के लोगों के साथ उनका अलग तरह का संबंध विकसित हुआ है और यही उनकी सबसे बड़ी पूंजी है।

उप मुख्यमंत्री लगातार इस बात पर जोर देते रहे हैं कि सरकार को लोगों तक पहुंचाना चाहिए। उन्होंने कोटा के एक सरकारी अस्पताल में 100 से ज्यादा नवजात बच्चों की मौत के मामले में जिम्मेदार तय करने की बात कही थी ताकि इस तरह की दुखभरी घटना दोबारा न हो सके।

पायलट ने कहा, ‘‘ हमें इन मामलों पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। सुशासन जिम्मेदारी और जवाबदेही सुनिश्चित करने से आता है। ऐसा करने से कम से कम यह तय होता है कि ऐसी दुख भरी घटना दोबारा नहीं होगी और सुधारात्मक कदम तत्काल उठाया जाए।’’ उन्होंने कहा कि इस तरह के मामलों में बेहद संवेदनशीलता और दया की भावना दिखानी चाहिए और लोगों को यह विश्वास होना चाहिए कि ऐसे कदम उठाए गए हैं जिससे ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होंगी। पायलट पहले कोटा के मामले में यह कह चुके हैं कि सरकार और अधिक संवेदनशीलता दिखा सकती थी और उन्होंने कुछ मृत बच्चों के माता-पिता से भी मुलाकात की थी। समन्वय और घोषणापत्र कार्यान्वयन समिति के गठन पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘ मेरा मानना है कि यह अच्छा कदम है।

कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने जिन्होंने सच में संघर्ष किया और चुनाव जिताया, उनके योगदान को जरूर पहचान मिलनी चाहिए। उन्हें यह विश्वास दिलाया जाना चाहिए कि वह सरकार का अहम हिस्सा हैं।’’ निश्वित रूप से इस कदम से जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं का विश्वास और मजबूत होगा। संगठन के भीतर इससे लोगों की आवाज को मुखरता प्रदान करने के संबंध में पूछे गए एक सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘ जब आप विपक्ष में होते हैं तो पार्टी का महत्व बहुत ज्यादा होता है। लेकिन जब आप सरकार में आते हैं तो कभी-कभी पार्टी को हल्के में ले लेते हैं, ऐसा नहीं होना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि दो समितियां हैं और उनका मानना है कि दोनों ही सरकार के कामों को जमीन तक पहुंचाने में सकारात्मक परिणाम देंगी।

जब उनसे पूछा गया कि क्या वह पार्टी प्रमुख के रूप में दूसरे कार्यकाल के लिए तैयार थे तो उन्होंने कहा कि वह हमेशा किसी भी जिम्मेदारी के लिए तैयार रहते हैं और इसे पूरी गंभीरता और ईमानदारी से पूरा करते हैं। आरपीसीसी प्रमुख और सरकार में भूमिका को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘ जब मैं अपने लिए लक्ष्य तय कर लेता हूं, तो मैं उसे हासिल करने के लिए आगे बढ़ता हूं। मैं ग्रामीण विकास, पंचायती राज देख रहा हूं जो ग्रामीण लोगों और किसान समुदाय पर असर डालता है। इसलिए हमने यह सुनिश्चित किया कि बजट बढ़े, योजनाओं का लाभ दूरदराज तक पहुंचे और इन पर कड़ी निगरानी रखी जाए।’’

उन्होंने इस दौरान पार्टी द्वारा स्थानीय निकाय चुनावों में तीन चौथाई सीटें जीतने की भी बात की। वहीं संशोधित नागरिकता कानून के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सभी का यह अधिकार है कि उसे जो गलत लगता है, उसके खिलाफ खड़ा हो। पायलट ने कहा, ‘‘ संसद ने एक कानून पारित किया है क्योंकि संसद में भारत सरकार बहुमत में है लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि उसे कानूनी आधार पर उच्चतम न्यायालय से भी अनुमति मिल जाए।’’ उन्होंने कहा कि सीएए के कानूनी आधार को लेकर अंतिम फैसला उच्चतम न्यायालय से आएगा लेकिन प्रत्येक व्यक्ति के पास विरोध का भी अधिकार है और सरकार इसमें बदलाव कर सकती है, वापस ले सकती है या कानून को बदल सकती है, जैसा उसे ठीक लगे। 

Web Title: Those fighting for victory in the election must get respect says Sachin Pilot

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