अनंतनाग के कोकरनाग में मुठभेड़ का आज तीसरा दिन, तीन आतंकियों से निपटने के लिए 3 हजार सैनिक, मीडियम तोपखाने तैनात

By सुरेश एस डुग्गर | Published: September 15, 2023 01:25 PM2023-09-15T13:25:26+5:302023-09-15T13:31:12+5:30

आज भी एक अन्य जख्मी जवान की मौत हो जाने से शहीदों की संख्या चार हो गई है। जबकि एक अन्य जवान अभी भी लापता बताया जा रहा है।

third day of encounter in Kokarnag Anantnag 3 thousand soldiers medium artillery deployed to deal with three terrorists. | अनंतनाग के कोकरनाग में मुठभेड़ का आज तीसरा दिन, तीन आतंकियों से निपटने के लिए 3 हजार सैनिक, मीडियम तोपखाने तैनात

अनंतनाग के कोकरनाग में मुठभेड़ का आज तीसरा दिन, तीन आतंकियों से निपटने के लिए 3 हजार सैनिक, मीडियम तोपखाने तैनात

Highlightsअनंतनाग के कोकरनाग इलाके में तीन दिनों से आतंकवादियों और जवानों के बीच मुठभेड़ हो रही है। इतीन आतंकवादियों से निपटने के लिए करीब तीन हजार जवान तैनात हैं।

जम्मू। अनंतनाग के कोकरनाग इलाके में तीन दिनों से आतंकवादियों और जवानों के बीच मुठभेड़ हो रही है। इस जंग की खास पहलू यह है कि ऊंची पहाड़ियों पर काबिज आतंकियों से निपटने को सेना को पहली बार मीडियम रेंज के तोपखाने के साथ ही सबसे अधिक शक्तिशाली हेरोन मार्क 2 ड्रोन का भी इस्तेमाल आतंकियों पर बम बरसाने में किया जा रहा है। हालांकि अभी तक बीसियों ड्रोन आतंकियों के उस ठिकाने की थाह नहीं पा सके हैं जहां से वे गोलियां व हथगोले बरसा रहे हैं।

इस जंग का आज तीसरा दिन है। करीब तीन हजार जवान उन तीन के करीब आतंकियों को मटियामेट करने में जुटे हैं जिन्होंने पहली बार तीन अफसरों को एक साथ शहीद कर दिया था। आज भी एक अन्य जख्मी जवान की मौत हो जाने से शहीदों की संख्या चार हो गई है। जबकि एक अन्य जवान अभी भी लापता बताया जा रहा है।

फिलहाल यह भी पक्का नहीं है कि इस जंग में कितने आतंकी शामिल हैं। कश्मीर पुलिस के खुफिया अधिकारी कभी उनकी संख्या 2 और कभी तीन बताते थे जिसमें पिछले साल लश्करे तौयबा में शामिल हुआ उजैर खान भी शामिल है। पर सूत्र कहते थे कि इतने बड़े इलाके में हजारों सैनिकों को छकाने वाले मात्र तीन आतंकी नहीं हो सकते हैं। वे उनकी संख्या को 8 से 10 के करीब बताते थे।

कश्मीर में आतंकवाद के खत्म होने के दावों के बीच हुई इस मुठभेड़ मंें पहली बारी इतने बड़े रैंक के अफसरों के मारे जाने के बाद सुरक्षाबलों के दावों पर भी शक पैदा होता था। अभी तक यह भी कहा जा रहा था कि घुसपैठ पर पूरी तरह से रोक लगा दी है, पर कश्मीर मंें पिछले एक साल के भीतर मारे गए 40 के करीब विदेशी आतंकियों की संख्या इसकी पुष्टि करती थी कि घुसपैठ पर रोक नहीं लग पाई है और आतंकी कश्मीर तक पहुंच रहे हैं।

यह बात अलग है कि अब सेना दावा करती है कि कश्मीर में पहुंचने वाले विदेशी आतंकी एलओसी या इंटरनेशनल बार्डर का इस्तेमाल न करते हुए अन्य रास्तों से खाली हाथ पहुंच रहे हैं जिन्हें ड्रोन से हथियारों व गोला बारूद की सप्लाई की जा रही है।

यह कश्मीर की पहली ऐसी मुठभेड़ भी कही जा सकती है जिसमें पहली बार इसराइल से प्राप्त हेरोन मार्क 2 जैसे खतरनाक ड्रोन का इस्तेमाल आतंकियों के संभावित ठिकानों पर बमबारी करने में किया जा रहा है। ड्रोन के अतिरिक्त दर्जनों लड़ाकू हेलिकाप्टर भी इसी काम को अंजाम देने में जुटे हैं। दरअसल आतंकी ऊंची पहाड़ी पर हैं जहां पहुंच मुश्किल हैं और इसकी खातिर अब सेना ने छाताधारी सैनिकों को उतारने के साथ ही मीडियम रेंज के तोपखानों से भी गोले बरसाए हैं।

नार्दन कमान के सेनानायक ले जनरल उपेंद्र द्विवेदी और कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह के अतिरिक्त कई अफसर तीन दिनों से अनंतनाग में ही डेरा डाले हुए हैं ताकि मुठभेड़ मंें जुटे जवानों का हौंसला बढ़ाया जा सके।

Web Title: third day of encounter in Kokarnag Anantnag 3 thousand soldiers medium artillery deployed to deal with three terrorists.

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