किसी भी धर्म में पूजा-अर्चना के लिए लाउडस्पीकर के इस्तेमाल का उल्लेख नहींः हाईकोर्ट

By भाषा | Updated: January 21, 2020 19:41 IST2020-01-21T19:41:52+5:302020-01-21T19:41:52+5:30

अदालत ने जौनपुर जिले के शाहगंज के बद्दोपुर गांव में दो मस्जिदों में अजान के लिए लाउडस्पीकर के उपयोग की अनुमति नहीं देने के जिला प्रशासन के निर्णय पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इसके साथ ही न्यायमूर्ति पंकज मिताल और न्यायमूर्ति वीसी दीक्षित की पीठ ने जौनपुर के मसरूर अहमद द्वारा दायर याचिका खारिज कर दी।

There is no mention of use of loudspeakers for worship in any religion: High Court | किसी भी धर्म में पूजा-अर्चना के लिए लाउडस्पीकर के इस्तेमाल का उल्लेख नहींः हाईकोर्ट

अपनी रिपोर्ट में कहा कि वहां हिंदुओं और मुस्लिमों की मिश्रित आबादी है।

Highlightsयाचिकाकर्ता ने इन दो मस्जिदों पर लाउडस्पीकर का उपयोग करने की अनुमति मांगी थी। क्षेत्राधिकारी ने सात मार्च, 2019 को दोनों मस्जिदों के इलाके का निरीक्षण किया था।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक मामले में कहा है कि किसी भी धर्म में पूजा-अर्चना के लिए लाउडस्पीकर के इस्तेमाल का उल्लेख नहीं है।

अदालत ने जौनपुर जिले के शाहगंज के बद्दोपुर गांव में दो मस्जिदों में अजान के लिए लाउडस्पीकर के उपयोग की अनुमति नहीं देने के जिला प्रशासन के निर्णय पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इसके साथ ही न्यायमूर्ति पंकज मिताल और न्यायमूर्ति वीसी दीक्षित की पीठ ने जौनपुर के मसरूर अहमद द्वारा दायर याचिका खारिज कर दी।

याचिकाकर्ता ने इन दो मस्जिदों पर लाउडस्पीकर का उपयोग करने की अनुमति मांगी थी। क्षेत्राधिकारी ने सात मार्च, 2019 को दोनों मस्जिदों के इलाके का निरीक्षण किया था और अपनी रिपोर्ट में कहा कि वहां हिंदुओं और मुस्लिमों की मिश्रित आबादी है और यदि किसी पक्ष को साउंड एंप्लीफायर का उपयोग करने की अनुमति दी जाती है तो इससे दोनों समूहों के बीच तनाव बढ़ेगा, जिससे इलाके में शांति भंग होने की आशंका है।

जौनपुर के शाहगंज के एसडीएम ने 12 जून, 2019 को इस आधार पर लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति देने से मना कर दिया था कि इससे गांव के दो धार्मिक समूहों के बीच दुर्भावना पैदा होगी और इससे कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है क्योंकि उस इलाके में मिली-जुली आबादी है।

एसडीएम के आदेश पर गौर करने के बाद पीठ ने कहा, “याचिकाकर्ताओं को न केवल ध्वनि प्रदूषण के कारण से बल्कि इलाके में शांति एवं सौहार्द बनाए रखने के लिए मस्जिद में लाउडस्पीकर का उपयोग करने की अनुमति नहीं देना सही है।”

अदालत ने ध्वनि प्रदूषण और आम जनता द्वारा इसे नजरअंदाज किए जाने का जिक्र करते हुए कहा, “भारत में लोगों को इस बात का एहसास नहीं है कि ध्वनि अपने आप में एक तरह का प्रदूषण है। वे स्वास्थ्य पर इसके दुष्प्रभावों के प्रति पूरी तरह जागरूक नहीं हैं।”

Web Title: There is no mention of use of loudspeakers for worship in any religion: High Court

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