'भाजपा के राज में कोई कानून नहीं है, बुलडोजर लेकर जाइए सब ध्वस्त कर दीजिए' - रामगोपाल यादव
By शिवेंद्र राय | Published: March 11, 2023 02:58 PM2023-03-11T14:58:02+5:302023-03-11T14:59:49+5:30
रामगोपाल यादव ने जातीय जनगणना का मुद्दा भी उठाया और कहा, "आखिरी जातिगत जनगणना 1931 में हुई थी, किसी भी सरकार ने जातिगत जनगणना कराने की जहमत नहीं उठाई, हमारी सरकार आएगी तो जातिगत जनगणना कराएंगे।"
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने मैनपुरी में एक कार्यक्रम के दौरान उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरका और भाजपा पर जमकर निशाना साधा। रामगोपाल यादव नगरिया में आयोजित कथा हवन कार्यक्रम में पहुंचे थे। यहां उन्होंने कहा, "बीजेपी बेकाबू हो चुकी है, विवेक मर चुका है। देश में अघोषित इमरजेंसी है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का दौर में भी इमरजेंसी के बाद जो दर्जनों पार्टियां विपक्ष में लड़ी थी उनके आगे कांग्रेस धराशाई हो गई थी। भाजपा का भी ऐसा ही हश्र होगा।"
रामगोपाल यादव ने इस दौरान जातीय जनगणना का मुद्दा भी उठाया और कहा, "आखिरी जातिगत जनगणना 1931 में हुई थी, किसी भी सरकार ने जातिगत जनगणना कराने की जहमत नहीं उठाई, हमारी सरकार आएगी तो जातिगत जनगणना कराएंगे।"
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की बुलडोजर कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए रामगोपाल यादव ने कहा, "भाजपा ने संविधान खत्म कर दिया है। जो लोगों के जीने के अधिकार थे वह समाप्त कर दिए। फंडामेंटल राइट सबसे पवित्र माना जाता है लेकिन अब कोई कानून नहीं है। बुलडोजर लेकर जाइए ध्वस्त कर दीजिए।"
नगर निकाय चुनाव पर बात करते हुए बात करते हुए रामगोपाल यादव ने कहा कि चुनाव सरका के मनमाफिक ही होंगे। सारी चीजें दिखावे के लिए की जा रही हैं। बता दें कि निकाय चुनाव में पिछड़ों का आरक्षण तय करने के लिए गठित उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग ने बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को रिपोर्ट सौंप दी है। पिछड़ों का आरक्षण तय करने के लिए गठित उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष राम औतार सिंह के अनुसार रिपोर्ट के आधार पर निकाय चुनाव में पिछड़ों के लिए सीट का आरक्षण नये सिरे से तय किया जाएगा।
दरअसल निकाय चुनाव के लिए नगर विकास विभाग द्वारा जारी आरक्षण सूची पर कई आपत्तियां दर्ज की गई थीं। इसके बाद उच्च न्यायलय ने बिना आरक्षण तय किए ही चुनाव कराने के आदेश दिए थे। उच्च न्यायलय के फैसले के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आयोग का गठन करके 31 मार्च तक जिलों का सर्वे कराके रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए थे। अब माना जा रहा है कि आयोग की सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ही निकाय चुनाव कराए जाएंगे।