दिल्ली पुलिस प्रमुख के पद पर अस्थाना की नियुक्ति के खिलाफ शीर्ष अदालत में याचिका है : अदालत को बताया गया
By भाषा | Published: August 24, 2021 01:32 PM2021-08-24T13:32:25+5:302021-08-24T13:32:25+5:30
दिल्ली उच्च न्यायालय को मंगलवार को बताया गया कि गुजरात काडर के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस आयुक्त के पद पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली एक याचिका उच्चतम न्यायालय में भी दाखिल की गई है। उच्च न्यायालय को यह जानकारी उसके 18 अगस्त के सवाल के जवाब में दी गयी। अदालत ने उस दिन सवाल किया था कि क्या अस्थाना की नियुक्ति को चुनौती देने वाली कोई याचिका किसी अन्य अदालत में लंबित है। अदालत ने अस्थाना को दिल्ली पुलिस आयुक्त के तौर पर नियुक्ति देने और एक वर्ष का सेवा विस्तार दिए जाने को चुनौती देने वाली एक अधिवक्ता की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह प्रश्न किया था। अदालत की कार्यवाही शुरू होने पर अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ को बताया कि उन्होंने एनजीओ ‘सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) की ओर से 10 अगस्त को उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की है। उन्होंने कहा कि इस याचिका में अस्थाना की नियुक्ति को चुनौती दी गई है और इस पर बुधवार को सुनवाई हो सकती है। पीठ ने अपने आदेश में कहा,‘‘ ऐसा सूचित किया गया है कि इसी नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पहले ही उच्चतम न्यायालय में दाखिल की जा चुकी है और इस मामले पर सुनवाई होने वाली है....।’’ इस पर केन्द्र की ओर से अतिरिक्त सॉलीसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कहा कि उच्चतम न्यायालय में याचिका पर सुनवाई नहीं हुई है और बुधवार को इस पर पहली सुनवाई होगी। उन्होंने कहा,‘‘ यह अदालत के समक्ष नहीं है, यह रजिस्ट्री के समक्ष है। दोनों के बीच स्पष्ट अंतर है।’’ साथ ही उन्होंने कहा उन्हें याचिका की प्रति भी मुहैया नहीं कराई गई है। केन्द्र सरकार के स्थाई वकील अमित महाजन ने कहा कि उन्हें ऐसी किसी भी याचिका के संबंध में जानकारी नहीं है। इस पर पीठ ने भूषण से याचिका की प्रति केन्द्र के वकील को मुहैया कराने के लिए कहा और अधिवक्ता सद्रे आलम की ओर से दाखिल चिका को 24 सितंबर के लिए सूचीबद्ध कर दी। पीठ ने कहा कि उसने प्रश्न किया था कि अस्थाना की नियुक्ति के संबंध में इस तरह की कोई याचिका अन्य अदालत में लंबित तो नहीं है क्योंकि उसे लग रहा था कि कोई ऐसा मामला है। पीठ ने कहा,‘‘ एक ही मामले में दो आदेश नहीं हो सकते। अगर विपरीत आदेश या टिप्पणियां हुईं तो।’’ गौरतलब है कि 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी अस्थाना को 27 जुलाई को दिल्ली पुलिस का आयुक्त नियुक्त किया गया था। इससे पहले वह सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक पद पर कार्यरत थे और 31 जुलाई को उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा था।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।