बिहार विधान परिषद की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए कर दी गई स्थगित, कुल 5 बैठकों में किए गए 5 विधेयक पारित
By एस पी सिन्हा | Published: November 29, 2024 03:06 PM2024-11-29T15:06:22+5:302024-11-29T15:06:33+5:30
सभापति ने बताया कि बिहार विधान परिषद के 208 वें सत्र में कुल 5 बैठकें आयोजित हुईं। इस सत्र के लिए ध्यानाकर्षण की कुल 64 सूचनाएं प्राप्त हुई। 30 ध्यानाकर्षण सूचनाएं सदन के कार्यक्रम पर लाए जाने के लिए स्वीकृत हुईं।
पटना: बिहार विधान परिषद की कार्यवाही शुक्रवार को दोपहर 12 बजे के बाद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने सदन में पिछले पांच दिनों में हुए कामकाज का ब्यौरा देते हुए सदन को बताया कि वर्तमान सत्र में 5 विधेयक पारित किए गए। इसमें बिहार माल और सेवा कर (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2024, बेतिया राज की संपत्तियों को निहित करने बाला विधेयक, 2024, बिहार सरकारी परिसर (आवंटन, किराया, वसूली एवं बेदखली) (संशोधन) विधेयक, 2024, बिहार खेल विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2024, बिहार विनियोग (संख्या-4) विधेयक, 2024 शामिल रहा।
सभापति ने बताया कि बिहार विधान परिषद के 208 वें सत्र में कुल 5 बैठकें आयोजित हुईं। इस सत्र के लिए ध्यानाकर्षण की कुल 64 सूचनाएं प्राप्त हुई। 30 ध्यानाकर्षण सूचनाएं सदन के कार्यक्रम पर लाए जाने के लिए स्वीकृत हुईं। 19 सूचनाएं उत्तरित हुई, शेष 2 सूचनाएं व्यपगत हुईं। 9 सूचनाएं प्रश्न एवं ध्यानाकर्षण समिति के विचारार्थ सुपुर्द किए गए। शून्यकाल की कुल 43 सूचनाएं प्राप्त हुईं जिनमें 35 सूचनाओं के माध्यम से सरकार का ध्यान आकृष्ट किया गया एवं 8 सूचना अस्वीकृत की गई।
उन्होंने कहा कि निवेदन की कुल 57 सूचनाएं प्राप्त हुईं। 53 सूचनाएं स्वीकृत हुईं। 4 सूचनाएं अस्वीकृत हुईं। सभी स्वीकृत 53 निवेदनों को सदन की सहमति से निवेदन समिति को सुपुर्व किया गया। इस सत्र में नेशनल ई-विधान (नेवा) के माध्यम से सदस्यों द्वारा 331 तारांकित प्रश्न एवं 88 अल्पसूचित प्रश्न दिए गए तथा इसके माध्यम से कुल 300 तारांकित एवं अल्पसूचित प्रश्नों के उत्तर प्राप्त हुए।
उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान सदस्यों ने अपने संसदीय दायित्वों का निर्वहन करते हुए जनसामान्य की समस्याओं के समाधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शायी है। सदन में महत्वपूर्ण विषयों पर वाद-विवाद में सहभागिता के लिए उन्होंने सदन के सभी सदस्यों को बधाई दी। इसके पहले आज सदन में एनडीए के विधान पार्षदों ने विभिन्न मुद्दों पर शिक्षा विभाग के अलग-अलग फैसलों और आदेशों को लेकर अपनी ही सरकार को घेरा। जबकि परिषद की कार्रवाई शुरू होने से पहले पोर्टिको में विपक्षी सदस्यों ने हाथों में बैनर-पोस्टर लेकर प्रदर्शन और नारेबाजी की।
वहीं परिषद की कार्यवाही शुरू होते ही सदन में फर्जी सर्टिफिकेट पर शिक्षकों की नियुक्ति मामला उठा। राजद विधान पार्षद अब्दुल बारी सिद्दीकी ने इस मामले को उठाते हुए कहा कि बिहार में 42 फर्जी शिक्षक दूसरे के सर्टिफिकेट पर नौकरी कर रहे हैं। ये शिक्षक विधानसभा में ड्यूटी के लिए तैयार हैं।
वहीं, भाजपा विधान पार्षद नवल किशोर यादव और जदयू के संजीव कुमार ने अपनी ही सरकार को घेरते हुए कहा कि बीपीएससी शिक्षक सीनियर बनाए गये हैं। वहीं सक्षमता पास नियोजित शिक्षक जूनियर माने गये हैं। वहीं नियोजित शिक्षक नियमित रूप से 18-20 साल तक का अनुभव रखते हैं।
ऐसे में एक ही काम के लिए जो अनुभवी शिक्षक हैं उन्हें जूनियर मानना गलत है। विधानपरिषद में स्मार्ट मीटर, बीपीएससी शिक्षकों को सक्षमता पास शिक्षक से वरीय मानने, पत्रकार पेंशन योजना की राशि बढ़ाने के मुद्दे को भी उठाया गया। वहीं हंगामे के बाद विधानपरिषद कि कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।