रक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान का नाम बदलकर मनोहर पर्रिकर के नाम पर रखा गया
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 18, 2020 08:38 PM2020-02-18T20:38:19+5:302020-02-18T20:38:19+5:30
बयान में कहा गया है, ‘‘अपने पूरे करियर के दौरान सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी और समर्पण के प्रतीक दिवंगत मनोहर पर्रिकर ने जुझारूपन दिखाया और बड़ी निर्भीकता से विषम स्थितियों से टक्कर ली।’’
केंद्र सरकार ने पूर्व रक्षा मंत्री दिवंगत मनोहर पर्रिकर की ‘प्रतिबद्धता और विरासत’ के सम्मान में सरकारी थिंक टैंक रक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान (आईडीएसए) का नाम बदलकर मनोहर पर्रिकर रक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान कर दिया है।
पर्रिकर नौ मार्च, 2014 से लेकर 14 मार्च, 2017 तक रक्षा मंत्री रहे थे। पिछले साल 17 मार्च को कैंसर से उनका निधन हो गया। मंगलवार को जारी एक सरकारी बयान में कहा गया है कि उन्होंने पठानकोट और ऊरी जैसे हमलों की कठिन चुनौती के दौर में रक्षा मंत्रालय का नेतृत्व किया और अनुकरणीय साहस के साथ उनका (चुनौतियों का) जवाब दिया।’’
बयान में कहा गया है, ‘‘अपने पूरे करियर के दौरान सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी और समर्पण के प्रतीक दिवंगत मनोहर पर्रिकर ने जुझारूपन दिखाया और बड़ी निर्भीकता से विषम स्थितियों से टक्कर ली।’’ बयान के अनुसार जब पर्रिकर रक्षा मंत्री थे तब भारत में कई निर्णय लिये गये जिनसे ‘देश की सुरक्षा क्षमता बढ़ी, स्वदेशी रक्षा उत्पादन में तेजी आयी और पूर्व सैनिकों की जिंदगी बेहतर बनी।’
बयान के मुताबिक उनका सबसे बड़ा योगदान सशस्त्र बलों की वन रैंक वन पेंशन की मांग को लागू करना था।