प्रशांत किशोर का बयान, 'राष्ट्रव्यापी एनआरसी का विचार नागरिकता की नोटबंदी की तरह, सबसे ज्यादा गरीब होंगे प्रभावित'

By अभिषेक पाण्डेय | Published: December 15, 2019 12:23 PM2019-12-15T12:23:01+5:302019-12-15T12:23:01+5:30

Prashant Kishor: नागरिकता कानून के समर्थन के लिए अपनी पार्टी की आलोचना कर चुके प्रशांत किशोर ने राष्ट्रव्यापी एनआरसी के विचार को बताया घातक

The idea of nation wide NRC is equivalent to demonetisation of citizenship: Prashant Kishor | प्रशांत किशोर का बयान, 'राष्ट्रव्यापी एनआरसी का विचार नागरिकता की नोटबंदी की तरह, सबसे ज्यादा गरीब होंगे प्रभावित'

प्रशांत किशोर ने कहा कि राष्ट्रव्यापी एनआरसी से गरीब होंगे सबसे ज्यादा प्रभावित

Highlightsप्रशांत किशोर ने कहा कि राष्ट्रव्यापी एनआरसी से सबसे ज्यादा नुकसान गरीबों को होगाप्रशांत किशोर ने नागरिकता बिल पर समर्थन के लिए जेडीयू की आलोचना की थी

जेडीयू उपाध्यक्ष और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर न एनआरसी को पूरे देश में लागू किए जाने के विचार की आलोचना करते हुए कहा है कि इससे सबसे ज्यादा प्रभावित गरीब और हाशिये पर रहने वाले लोग होंगे।  

प्रशांत किशोर ने संसद में नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन करने के लिए अपनी पार्टी जेडीयू की सार्वजनिक तौर पर आलोचना की थी और कहा था कि इसका समर्थन करना पार्टी के सिद्धातों के खिलाफ और निराशाजनक है। 

प्रशांत किशोर ने राष्ट्रव्यापी एनआरसी के विचार की आलोचना की

एनआरसी को लेकर रविवार को किए ट्वीट में प्रशांत किशोर ने कहा, 'राष्ट्रव्यापी एनआरसी का विचार नागरिकता की नोटबंदी के समान है...जब तक आप इसे साबित नहीं करते तब तक अमान्य है।

उन्होंने कहा कि हम अपने अनुभवों से जानते हैं, इससे सबसे ज्यादा पीड़ित गरीब और हाशिए पर रहने वाले लोग होंगे!!'

प्रशांत किशोर ने नागरिकता बिल पर की थी जेडीयू की आलोचना

प्रशांत किशोर ने इस मुद्दे पर अनबन के बाद जेडीयू से इस्तीफे की भी पेशकश की थी, लेकिन शनिवार को पार्टी प्रमुख और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ हुई बैठक के बाद उन्होंने कहा कि जेडीयू एनआरसी का समर्थन नहीं करेगी।  

प्रशांत किशोर ने इससे पहले नागरिकता बिल के संसद से पास होने पर इसकी आलोचना करते हुए कहा था 'अब न्यायपालिका से पहले 16 गैर-बीजेपी मुख्यमंत्रियों पर भारत की आत्मा बचाने का जिम्मा है क्योंकि ये वो राज्य हैं जिन्हें अपने यहां इसे लागू करना है। तीन मुख्यमंत्रियों (बंगाल/केरल/पंजाब) ने सीएबी और एनआरसी को 'न' कह दिया है। अब दूसरे लोगों के लिए अपना रुख स्पष्ट करने का समय है।'

Web Title: The idea of nation wide NRC is equivalent to demonetisation of citizenship: Prashant Kishor

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