देश की नजरें हम पर है: LAC पर तैनात जवानों को संबोधित करते हुए सेना प्रमुख
By अनुराग आनंद | Published: September 5, 2020 04:51 PM2020-09-05T16:51:52+5:302020-09-05T16:51:52+5:30
सीमा पर जारी तनाव व जारी संघर्ष के दौरान लद्दाख सेक्टर में विभिन्न अभियानों में सैनिकों के योगदान की प्रशंसा करते हुए, सेना प्रमुख ने कहा कि सैनिकों को जुनून के साथ-साथ धैर्य और आत्म-नियंत्रण के साथ काम करना आवश्यकता है।
नई दिल्ली:लद्दाख सेक्टर में चीन के साथ चल रहे संघर्ष के बीच अपने सैनिकों को प्रेरित करते हुए, सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवने ने सैनिकों से कहा कि पूरा देश इस समय सेना की ओर देख रहा है और उन्हें वर्तमान में 'जोश' और देशभक्ति दोनों के साथ काम करने की आवश्यकता है।
जनरल नरवाने 2 और 3 सितंबर को लद्दाख सेक्टर की दो दिवसीय यात्रा पर थे, जहां उन्होंने एलएसी से सटे आर्मी के पोस्टों का दौरा किया और वहां चल रही सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की, जहां भारतीय और चीनी सेनाएं तीन महीने से अधिक समय से गतिरोध की स्थिति में बार-बार टकरा रही हैं।
सूत्रों ने कहा कि सीमा के पास सैनिकों को संबोधित और प्रेरित करते हुए सेना प्रमुख ने सैनिकों से कहा कि देश के नाजरें हम बराबर हैं। सीमा पर जारी तनाव व जारी संघर्ष के दौरान लद्दाख सेक्टर में विभिन्न अभियानों में सैनिकों के योगदान की प्रशंसा करते हुए, सेना प्रमुख ने कहा कि सैनिकों को जुनून के साथ-साथ धैर्य और आत्म-नियंत्रण के साथ काम करना आवश्यकता है।
Country's eyes are on us: Army chief to jawans on forward posts on China border
— ANI Digital (@ani_digital) September 5, 2020
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रास्ता भटक कर भारत आए तीन चीनी नागरिकों की भारतीय सेना ने बचाई जान-
भारत और चीन के बीच मई 2020 से सीमा पर विवाद जारी है। दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ गई है। इसी बीच आज (5 सितंबर) को भारतीय सेना ने तीन चीनी नागरिकों की सिक्किम में जान बचाई है। इसमें एक महिला भी शामिल थी। भारतीय सेना की ओर से जारी बयान के मुताबिक चीन के तीन नागरिक, जिसमें एक महिला भी शामिल थी, गत तीन सितंबर को उत्तरी सिक्किम में 'जीरो डिग्री' तापमान के दौरान परेशानी में थे, जब सेना के जवानों ने उनकी मदद की।
सेना ने अपने बयान में बताया है कि तकरीबन 17,500 फीट की उंचाई पर उत्तरी सिक्किम के पठार क्षेत्र में ये तीनों चीनी नागरिक रास्ता भटक गए थे। उसी दौरान देश के जवानों ने उनकी मदद की। जिसकी तस्वीरें भी सामने आई है।
भारतीन सेना के मुताबिक जीरो डिग्री से भी कम तापमान के कारण सभी परेशान थे। भारतीय सेना के जवानों ने उन्हें बचाने के लिए ऑक्सीजन, खाना और गर्म कपड़े सहित मेडिकल हेल्प भी दी।
चीन के रक्षा मंत्री ने राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद ये कहा-
भारत और चीन के बीच लद्दाख में सीमा पर लगातार तनाव बना हुआ है। इस तनाव के बीच शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीनी रक्षा मंत्री वेई फेंगही मास्को में दो घंटे से अधिक समय तक बैठक हुई है, जिसमें पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनाव को कम करने पर ध्यान केन्द्रित किया गया। बैठक के बाद पहली बार चीन का बयान सामने आया है, जिसमें उसने कहा है कि वह अपनी एक इंच जमीन नहीं गंवा सकता है।
दरअसल, पूर्वी लद्दाख में मई में सीमा पर हुए तनाव के बाद से दोनों ओर से यह पहली उच्च स्तरीय आमने सामने की बैठक थी। इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल गतिरोध दूर करने के लिए चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ टेलीफोन पर बातचीत कर चुके हैं।
बैठक में भारत की तरफ से राजनाथ सिंह ने ये कहा-
सूत्रों ने बताया कि वार्ता के दौरान सिंह ने पूर्वी लद्दाख में यथा स्थिति को बनाए रखने और सैनिकों को तेजी से हटाने पर जोर दिया। सिंह के कार्यालय ने ट्वीट किया, 'रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीनी रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगही के बीच मॉस्को में बैठक समाप्त हुई। यह बैठक दो घंटे 20 मिनट तक चली।'
भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने चीनी सेना के पैंगोंग झील के दक्षिण तट में यथास्थिति बदलने के नए प्रयासों पर कड़ी आपत्ति जताई और वार्ता के माध्यम से गतिरोध के समाधान पर जोर दिया। एक सूत्र ने कहा, "दो रक्षा मंत्रियों के बीच बातचीत का केन्द्र लंबे समय से चले आ रहे सीमा गतिरोध को हल करने के तरीकों पर था।"