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समूचे पूर्वोत्तर को CAB से बाहर रखा जाए, सांसद अगाथा ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

By भाषा | Updated: December 13, 2019 15:36 IST

उल्लेखनीय है कि अधिनियम के मुताबिक अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान में धार्मिक प्रताड़ना के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को अवैध प्रवासी नहीं माना जाएगा व उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी।

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ठळक मुद्देअगाथा ने पत्र में मोदी से कहा, ‘‘पूर्वोत्तर एक संवेदनशील क्षेत्र है जिसे पूरी तरह से संरक्षण की जरूरत है।सरकार को अवश्य ही नागरिकता (संशोधन) विधेयक पर पुनर्विचार करना चाहिए।

नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) की नेता अगाथा के. संगमा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर संशोधित नागरिकता अधिनयिम के दायरे से समूचे पूर्वोत्तर को बाहर रखने को कहा है, ताकि क्षेत्र में शांति बहाल हो सके।

मेघालय के तुरा से सांसद अगाथा ने बृहस्पतिवार रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा कि समूचे पूर्वोत्तर को इस अधिनियम के दायरे से बाहर रखा जाए। उल्लेखनीय है कि अधिनियम के मुताबिक अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान में धार्मिक प्रताड़ना के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को अवैध प्रवासी नहीं माना जाएगा व उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी।

अगाथा ने पत्र में मोदी से कहा, ‘‘पूर्वोत्तर एक संवेदनशील क्षेत्र है जिसे पूरी तरह से संरक्षण की जरूरत है, सरकार को अवश्य ही नागरिकता (संशोधन) विधेयक पर पुनर्विचार करना चाहिए और समूचे क्षेत्र को इसके दायरे से बाहर रखना चाहिए। यही एकमात्र रास्ता है जिसके जरिए हमारे लोगों के बीच शांति एवं भरोसा कायम किया जा सकता है।’’

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस विधेयक का पूर्वोत्तर के लोगों ने जबरदस्त विरोध किया क्योंकि उन्हें इस बात का अंदेशा है कि जनसांख्यिकी बदलावों से क्षेत्र की स्थानीय जनजातियों की सुरक्षा एवं पहचान प्रभावित होगी। उन्होंने कहा, ‘‘लंबे समय तक विचार विमर्श के जरिए की गई कोशिशें नाकाम होने जा रही हैं और यह विमर्श दिया जा रहा है कि भाजपा नीत सरकार पूर्वोत्तर विरोधी है।’’

मेघालय में एनपीपी नीत गठबंधन सरकार में भाजपा भी शामिल है। अगाथा के भाई एवं मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा एवं उनकी कैबिनेट के सहकर्मियों का केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से इस मुद्दे पर मिलने का कार्यक्रम है।

इस बीच, हिंसक प्रदर्शन के बाद शिलांग के कई हिस्सों में लगाए गए कर्फ्यू में शुक्रवार सुबह 10 बजे से 12 घंटे की ढील दी गई है। इन इलाकों से किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है। नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के विरोध में प्रदर्शन के बीच मेघालय में कई वाहनों एवं इमारतों में की गई तोड़फोड़ के बाद बृहस्पतिवार रात कर्फ्यू लगाया गया था।

टॅग्स :नागरिकता संशोधन बिल 2019मोदी सरकारअसममेघालय
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