बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार अर्थात एईएस से बच्चों की मौत का सिलसिला लगातार जारी है. इस बीमारी से अबतक 64 बच्चों की मौत हो गई है. जबकि, 167 भर्ती हुए हैं. इस सीजन में सोमवार को स्थिति सबसे भयावह रही. उस दिन 23 बच्चों की मौत हुई थी. आज भी एसकेएमसीएच और केजरीवाल अस्पताल में 22 नए मरीजों को भर्ती किया गया है. जिसमें 14 नए मरीजों को गंभीर हालत में भर्ती किया गया है.
आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सुदान मुजफ्फरपुर पहुंचने वाले थे. उनके साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्वनी कुमार चौबे भी इस बीमारी के प्रकोप से उत्पन्न हालात का जायजा लेने मुजफ्फरपुर पहुंचने वाले थे. लेकिन दोनो मंत्रियों का दौरा रद हो गया. मिली जानकारी के मुताबिक मंत्री पहले मुजफ्फरपुर से जांच रिपोर्ट की टीम से हालात का जायजा लेंगे फिर मुजफ्फरपुर आएंगे. यहां बता दें कि बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की डॉक्टरों की केंद्रीय जांच टीम मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच पहुंची थी.
इनमें डॉक्टर अरुण कुमार सिन्हा के नेतृत्व में डॉ. गोयल, डॉ. पूनम, पटना एम्स के डॉ. लोकेश और एनसीडीसी पटना के डॉ. राम सिंह शामिल थे. वहीं, बिहार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने एईएस की चपेट में आने से 35 बच्चों की मौत होने की बात स्वीकार की है. हालांकि यह स्वीकारोक्ति वास्तविक आंकडे से काफी कम है.
यही नहीं मुजफ्फरपुर के डीएम के अनुसार मौत के आंकडे 43 हैं. यहां उल्लेखनीय है कि चमकी बुखार बच्चों के लिए काल बनता जा रहा है. एक आकडे के अनुसार इस बीमारी के कारण 2010 से अबतक 1,245 बच्चे पीडि हुए है. इनमें 392 बच्चों की मौत हो चुकी है.