इसरो जासूसी मामले की रिपोर्ट पर केन्द्र की याचिका पर बृहस्पतिवार को सुनवाई करेगा न्यायालय

By भाषा | Updated: April 14, 2021 20:07 IST2021-04-14T20:07:54+5:302021-04-14T20:07:54+5:30

The court will hear on the petition of the Center on the report of ISRO detective case on Thursday | इसरो जासूसी मामले की रिपोर्ट पर केन्द्र की याचिका पर बृहस्पतिवार को सुनवाई करेगा न्यायालय

इसरो जासूसी मामले की रिपोर्ट पर केन्द्र की याचिका पर बृहस्पतिवार को सुनवाई करेगा न्यायालय

नयी दिल्ली, 14 अप्रैल इसरो के तत्कालीन वैज्ञानिक नबी नारायणन से जुड़े 1994 जासूसी मामले में गलती करने वाले पुलिस अधिकारियों की भूमिका पर उच्च-स्तरीय समिति द्वारा दाखिल रिपोर्ट पर विचार करने संबंधी केन्द्र की याचिका पर उच्चतम न्यायालय बृहस्पतिवार को सुनवाई करेगा।

गौरतलब है कि 1994 जासूसी मामले से वैज्ञानिक नबी नारायणन ना सिर्फ बरी हो चुके हैं बल्कि शीर्ष अदालत ने केरल सरकार को मुआवजे के रूप में उन्हें 50 लाख रुपये देने को भी कहा है।

न्यायमूर्ति ए. एम. खानविल्कर की अध्यक्षता वाली पीठ केन्द्र की अर्जी और शीर्ष अदालत के न्यायाधीश (अवकाश प्राप्त) डी. के. जैन की अध्यक्षता वाले तीन सदस्यीय पैनल की रिपोर्ट पर विचार करेगी।

केन्द्र ने पांच अप्रैल को न्यायालय में अर्जी देकर मामले को ‘‘राष्ट्रीय मुद्दा’’ बताते हुए पैनल की रिपोर्ट पर तत्काल सुनवाई करने का अनुरोध किया था।

न्यायालय ने 14 सितंबर, 2018 को पैनल का गठन करते हुए केरल सरकार से मुआवजे के रूप में वैज्ञानिक को 50 लाख रुपये देने का निर्देश दिया था क्योंकि उन्हें (नारायणन) ‘‘बहुत अपमान’’ का सामना करना पड़ा था।

पैनल का गठन करते हुए न्यायालय ने गलती करने वाले उन अधिकारियों के खिलाफ उचित कदम उठाने का निर्देश दिया था जिनके कारण नारायणन को उत्पीड़न और बेइज्जती का सामना करना था। न्यायालय ने केन्द्र और केरल सरकार से पैनल में एक-एक सदस्य नियुक्त करने को भी कहा था।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व वैज्ञानिक के खिलाफ पुलिस कार्रवाई को ‘साइको-पैथोलॉजिक ट्रीटमेंट’ बताते हुए उच्चतम न्यायालय ने सितंबर, 2018 में कहा था कि हिरासत में लिए जाने के साथ ही उनके मानवाधिकारों के मूल ‘स्वतंत्रता और सम्मान’ का हनन किया गया और अतीत की सभी प्रसिद्धियों के बावजूद उन्हें ‘प्रबल घृणा’ का सामना करना पड़ा।

1994 में अखबारों की सुर्खियों में रहे जासूसी के इस मामले आरोप था कि भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम से जुड़े कुछ गोपनीय दस्तावेजों को दो वैज्ञानिकों और मालदीव की दो महिलाओं सहित चार अन्य ने अन्य देशों को भेजा है। इस मामले में वैज्ञानिक नारायणन को गिरफ्तार किया गया था। उस वक्त केरल में कांग्रेस की सरकार थी।

तीन सदस्यीय जांच पैनल ने सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट हाल ही में शीर्ष अदालत को सौंपी है।

वहीं, सीबीआई ने अपनी जांच में कहा था कि 1994 में केरल पुलिस के शीर्ष अधिकारी नारायणन की गैरकानूनी गिरफ्तारी के लिए जिम्मेदार थे।

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Web Title: The court will hear on the petition of the Center on the report of ISRO detective case on Thursday

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