अदालत ने याचिका में अफगानिस्तान में फंसे हुए भारतीयों की जानकारी की प्रामाणिकता पर सवाल किया

By भाषा | Updated: October 27, 2021 15:30 IST2021-10-27T15:30:31+5:302021-10-27T15:30:31+5:30

The court questions the authenticity of the information of Indians stranded in Afghanistan in the petition | अदालत ने याचिका में अफगानिस्तान में फंसे हुए भारतीयों की जानकारी की प्रामाणिकता पर सवाल किया

अदालत ने याचिका में अफगानिस्तान में फंसे हुए भारतीयों की जानकारी की प्रामाणिकता पर सवाल किया

नयी दिल्ली, 27 अक्टूबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को एक याचिकाकर्ता से पूछा कि उसे उन भारतीयों का ब्योरा कैसे मिला जिनके अफगानिस्तान में फंसे होने तथा जिन्हें तालिबान से जान का खतरा होने का दावा किया जा रहा है।

उच्च न्यायालय ने संबंधित प्राधिकारियों को निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता ने जो बातें कहीं हैं, उन पर फैसला किया जाए।

याचिकाकर्ता के वकील ने जब यह कहा कि वह अफगानिस्तान में फंसे हुए भारतीयों से लगातार संपर्क में हैं तो मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने कहा, ‘‘हमें इस तथ्य को लेकर संदेह है।’’

सामाजिक कार्यकर्ता और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंध समिति के पूर्व प्रवक्ता याचिकाकर्ता परमिंदर पाल सिंह ने प्राधिकारियों को यह निर्देश देने का अनुरोध किया कि अफगानिस्तान में फंसे हुए हिंदू और सिख धर्म के 227 भारतीय और अफगान नागरिकों को ई-वीजा जारी किया जाए और उन्हें वहां से निकलवाया जाए।

सुनवाई के दौरान अदालत ने याचिकाकर्ता से सूची की प्रामाणिकता को लेकर सवाल किये जिसमें अफगानिस्तान में फंसे हुए लोगों का ब्योरा है।

जब याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि ये विदेश मंत्रालय को जमा की गयीं वीजा की प्रतियों से लिये गये हैं तो अदालत ने पूछा कि उन्हें ये प्रतियां कहां से मिल गयीं।

केंद्र सरकार के स्थायी वकील अमित महाजन ने कहा कि सरकार ने अफगानिस्तान में फंसे हुए भारतीयों को निकालने के हरसंभव प्रयास किये हैं और अधिकारी फंसे हुए लोगों की जानकारी याचिकाकर्ता को नहीं देना चाहते।

वकील गुरिंदर पाल सिंह के माध्यम से याचिकाकर्ता ने कहा कि अफगानिस्तान में फंसे हुए लोगों की जान और उनकी संपत्ति को तालिबान से लगातार खतरा बना हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत सरकार ने अफगानिस्तान से उन्हें भारत लाने में सहायता प्रदान करने के लिए कोई कदम नहीं उठाये हैं।

याचिका के अनुसार जानकारी का स्रोत फंसे हुए भारतीय और अफगान नागरिक, एनजीओ इंडियन वर्ल्ड फोरम, ऑनलाइन समाचार पोर्टल, विदेश मंत्रालय की वेबसाइट और अन्य हैं।

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Web Title: The court questions the authenticity of the information of Indians stranded in Afghanistan in the petition

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