न्यायालय ने मामले के स्थानांतरण संबंधी याचिका खारिज की, कहा- ‘हमारे कंधों पर पहले से काफी बोझ है’

By भाषा | Updated: September 17, 2021 19:57 IST2021-09-17T19:57:40+5:302021-09-17T19:57:40+5:30

The court dismissed the petition regarding the transfer of the case, saying- 'There is already a lot of burden on our shoulders' | न्यायालय ने मामले के स्थानांतरण संबंधी याचिका खारिज की, कहा- ‘हमारे कंधों पर पहले से काफी बोझ है’

न्यायालय ने मामले के स्थानांतरण संबंधी याचिका खारिज की, कहा- ‘हमारे कंधों पर पहले से काफी बोझ है’

नयी दिल्ली, 17 सितंबर उच्चतम न्यायालय ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में लंबित एक मामले को शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने के अनुरोध वाली याचिका खारिज करते हुए शुक्रवार को कहा ‘‘हमारे कंधों पर पर्याप्त बोझ है’’ तथा इसे और नहीं बढ़ाना चाहते।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि उच्च न्यायालय मामले को सूचीबद्ध नहीं कर रहा है, इसका मतलब यह नहीं है कि शीर्ष अदालत को इसे अपने पास स्थानांतरित कर लेना चाहिए।

याचिकाकर्ता की तरफ से पेश वकील से पीठ ने कहा, ‘‘हम अपना बोझ नहीं बढ़ाना चाहते। हमारे कंधों पर पहले से काफी बोझ है।’’ वकील ने कहा कि मामला 2019 से उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि शीर्ष अदालत इसी तरह के एक मामले पर विचार कर रहा है और इसमें शामिल पक्ष भी वही है। पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत राजमार्गों पर शराब की दुकानों से संबंधित मामले की सुनवाई कर रही है, जबकि उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित याचिका राजमार्गों के पहुंच नियंत्रण से संबंधित है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि कई नए राजमार्गों पर अब पहुंच नियंत्रण है और यह महत्वपूर्ण है क्योंकि राजमार्ग गांवों और कस्बों से होकर गुजरते हैं। पीठ ने कहा, ‘‘दिल्ली-मुंबई राजमार्ग के कुछ हिस्सों को नियंत्रित किया जा रहा है। ये सभी नीतिगत मामले हैं। हम इसे स्थानांतरित नहीं करेंगे।’’

याचिका खारिज करते हुए पीठ ने कहा कि वह सिर्फ इसलिए मामलों को स्थानांतरित नहीं कर सकती कि उच्च न्यायालय इसे सूचीबद्ध नहीं कर रहा है।

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Web Title: The court dismissed the petition regarding the transfer of the case, saying- 'There is already a lot of burden on our shoulders'

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