बम्बई उच्च न्यायालय ने राधाकृष्ण विखे पाटिल व दो अन्य मंत्रियों से जवाब तलब किया
By भाषा | Updated: June 24, 2019 17:14 IST2019-06-24T17:14:57+5:302019-06-24T17:14:57+5:30
न्यायमूर्ति एस सी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति जी एस पटेल की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए तीनों मंत्रियों से जवाब तलब किया है । इस याचिका में विखे पाटिल, राकांपा से शिवसेना में शामिल हुए जयदत्त क्षीरसागर और आरपीआई (ए) नेता अविनाश महातकर को राज्य सरकार में मंत्री बनाये जाने को चुनौती दी गयी है।

याचिका में इन तीनों मंत्रियों की नियुक्ति को रद्द करने की मांग की गयी है।
महाराष्ट्र में हाल ही में मंत्री बनाए गए तीन लोगों की नियुक्ति को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए बम्बई उच्च न्यायालय ने सोमवार को विधानसभा में विपक्ष के पूर्व नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल तथा दो अन्य मंत्रियों से जवाब तलब किया है।
न्यायमूर्ति एस सी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति जी एस पटेल की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए तीनों मंत्रियों से जवाब तलब किया है । इस याचिका में विखे पाटिल, राकांपा से शिवसेना में शामिल हुए जयदत्त क्षीरसागर और आरपीआई (ए) नेता अविनाश महातकर को राज्य सरकार में मंत्री बनाये जाने को चुनौती दी गयी है।
कुछ समय पहले तक विखे पाटिल महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता थे। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी और भाजपा में शामिल हो गए थे। पाटिल को 16 जून को देवेंद्र फडणवीस की कैबिनेट में शामिल किया गया था।
अदालत ने मामले को चार सप्ताह के लिए टालते हुए कहा कि प्रतिवादियों (मंत्रियों) को भी आपत्ति करने या याचिका का जवाब देने का मौका मिलने दीजिए। सरकारी अधिवक्ता वी ए थोराट ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि ये तीनों छह महीने के लिए मंत्री पद पर बने रह सकते हैं और इसी अवधि में राज्य विधानमंडल की सदस्यता उन्हें लेनी होगी।
याचिकाकर्ता सुरिंदर अरोड़ा, संजय काले और संदीप कुलकर्णी ने अपनी याचिका में कहा है कि संविधान के अनुसार दल-बदल के आधार पर मंत्री अयोग्य हो जाते हैं। याचिका में इन तीनों मंत्रियों की नियुक्ति को रद्द करने की मांग की गयी है।