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रियाज नायकू की मौत से तिलमिलाया आतंकी सरगना सैयद सलाउद्दीन, भारत को दी चेतावनी, कहा-अब चिंगारी भड़केगी

By स्वाति सिंह | Updated: May 7, 2020 20:57 IST

बुधवार (6 मई) को मारा गया हिज्बुल मुजाहिदीन का शीर्ष आतंकी रियाज नायकू वर्ष 2016 में बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर में हिज्बुल मुजाहिदीन का चेहरा था और कश्मीर में हिज्बुल मुजाहिदीन में वह सैंकड़ों युवकों को भर्ती कर चुका था। इसकी मौत से तिलमिलाए सलाउद्दीन ने भारत को चेतावनी दी है।

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ठळक मुद्देरियाज नायकू के मारे जाने के बाद ग्रुप चीफ सैयद सलाउद्दीन बौखलाया है। सलाउद्दीन ने भारत को चेतावनी दी कि कश्मीर मुद्दा एक चिंगारी है जो पूरे क्षेत्र को कवर करने वाली आग लगा सकती है।

जम्मू: आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर रियाज नायकू के मारे जाने के बाद ग्रुप चीफ सैयद सलाउद्दीन बौखलाया है। उसने कहा कि नायकू का बलिदान उसके मिशन को हासिल करने में मदद करेगा। साथ ही सलाउद्दीन ने भारत को चेतावनी दी कि कश्मीर मुद्दा एक चिंगारी है जो पूरे क्षेत्र को कवर करने वाली आग लगा सकती है।

हिंदुस्तानटाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक आतंकी समूह की ओर से जारी एक मैसेज के मुताबिक सलाहुद्दीन ने ये बयान रियाज नायकू और उसके सहयोगी आदिल अहमद की मौत पर दिया।

बता दें कि जम्मू कश्मीर में बुधवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया हिज्बुल मुजाहिदीन का एक शीर्ष कमांडर रियाज नायकू आतंकवाद की राह पर चलने से पहले गणित का अध्यापक था। सुरक्षा बलों को नायकू की आठ वर्षों से तलाश थी। वह अपने ही गांव में घिरने के बाद सुरक्षा बलों के हाथों मारा गया। अवंतिपुरा में पुलिस रिकॉर्ड में उसका नाम पहली बार छह जून 2012 को ‘रोजनामचे’ में तब दर्ज हुआ जब वह बेघपुरा गांव के अपने मकान से अचानक गायब हो गया। 

मोस्ट वांटेड आतंकी था रियाज नायकू 

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि नायकू के खिलाफ 11 मामले दर्ज थे और उस पर 12 लाख रुपए का इनाम था। वह ज्यादातर अकेला ही रहता था और आतंकवादी संगठन के अंदर किसी पर भरोसा नहीं करता था। उन्होंने बताया कि नायकू तकनीक का अच्छा जानकार था और सामने आने से हमेशा परहेज करता था। उसने ही 2014 में अपने साथी बुरहान वानी को संगठन की कमान संभालने को कहा था। 

बुरहान वानी हिजबुल का पोस्टर ब्वॉय था। वह 2016 में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। उसके मारे जाने के बाद नायकू ने आतंकवादी संगठन की अंदरूनी राजनीति से खुद को दूर रखा और सब्जार अहमद और फिर उसके बाद जाकिर मूसा को कमान सौंपी। वानी की मौत के कुछ ही सप्ताह के बाद सब्जार मुठभेड़ में मारा गया और मूसा ने हिजबुल मुजाहिदीन छोड़ कर अपना अलग संगठन ‘अंसार गजवात-उल-हिंद’ बनाया। यह दूसरे आतंकवादी संगठन अलकायदा से जुड़ा था।

जानें कौन है सैयद सलाउद्दीन 

सैयद मोहम्मद युसूफ शाह जिसे सैयद सलाहूद्दीन के नाम से जाना जाता है। वह आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन का मुखिया है जो कश्मीर घाटी से अपने ऑपरेशन को अंजाम देता है। वह हिजबुल से पहले एंटी-इंडिया आतंकी समूह जिहाद काउंसिल का अध्यक्ष रह चुका है। 26 जून 2017 को अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने उसे विशेष नामित वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था। 

इसके बाद वह मुजफ्फराबाद के सेंटर प्रेस क्लब में पाकिस्तानी मीडिया से बात करता हुआ नजर आया था। यहां उसने कहा था कि यह घोषणा अमेरिका, इजरायल और भारत की पाकिस्तान के प्रति दुश्मनी दिखाती है।

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