मंदिर के लिए तेलंगाना सरकार रिजर्व बैंक से खरीदेगी 125 किलो सोना, 1800 करोड़ की परियोजना, जानिए इस बारे में सबकुछ
By विनीत कुमार | Published: October 20, 2021 01:33 PM2021-10-20T13:33:17+5:302021-10-20T13:34:04+5:30
यादाद्री में मौजूद श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर हैदराबाद से लगभग 60 किमी दूर है। 14.5 एकड़ में फैले मंदिर परिसर से संबंधित परियोजना को अप्रैल 2016 में शुरू हुई थी।
हैदराबाद: तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने अपनी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट यादाद्री मंदिर के नवीकरण के लिए अपने परिवार की ओर से 1.16 किलो सोना दान करने का ऐलान किया है। ये मंदिर श्रद्धालुओं के लिए 28 मार्च 2022 से खोला जाना है।
केसीआर ने हाल में भव्य श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर (यादाद्री मंदिर) का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यादाद्री मंदिर के 'विमना गोपुरम' (मंदिर का ऊपरी हिस्सा) पर सोने की प्लेट चढ़ाने के लिए 125 किलोग्राम सोने की जरूरत है और ये सोना भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से खरीदा जाएगा।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के अलावा एक मंत्री, एक सांसद, विधायक और तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के कुछ नेताओं ने भी 14 किलो तक का सोना दान करने की घोषणा की है। वहीं, सीएम ने कहा कि 125 किलो सोने के लिए पूरे राज्य की जनता को इस मुहिम में शामिल किया जाएगा।
केसीआर ने बताया कि राज्य में कई दानदाताओं ने सोना दान करने का वादा किया है। न्यूज एजेंसी IANS के अनुसार राज्य के श्रम मंत्री मल्ला रेड्डी मंदिर को 1 किलो सोना दान करेंगे। वहीं उनके निर्वाचन क्षेत्र से भी विभिन्न लोगों द्वारा मिलाकर एक किलो सोना दान किया जाएगा।
नागरकुंरूल के विधायक मर्री जनार्दन रेड्डी ने जहां 2 किलो सोना देने की घोषणा की है, वहीं कावेरी सीड्स की ओर से भास्कर राव 1 किलो सोना दान करेंगे। प्रख्यात संत चिन्ना जेयर स्वामी ने भी अपनी पीठ से मंदिर के लिए 1 किलो सोना देने का वादा किया है।
पीएम नरेंद्र मोदी को दिया है केसीआर ने न्योता
मंदिर के दोबारा खुलने के मौके के लिए मुख्यमंत्री केसीआर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई अन्य लोगों को निमंत्रण भेजा है। केसीआर ने मंगलवार को मंदिर के जीर्णोद्धार कार्य सहित मुख्य मंदिर और गर्भगृह का निरीक्षण भी किया। साथ ही उन्होंने मंदिर परिसर के आसपास के विकास कार्यों का जायजा लेने के लिए इलाके का हवाई दौरा भी किया।
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार 250 एकड़ में फैले टेंपल सिटी में 50 एकड़ स्थान हरियाली से भरे होंगे। बाकी के बचे जगह पर 250 कॉटेज बनाए जाएंगे। कॉटेज का निर्माण दान में मिले रुपयों से मंदिर के अधिकारियों द्वारा कराया जाएगा।
वहीं, मंदिर के दोबारा खुलने के दौरान वहां 1,000 पुजारियों द्वारा 'महा सुदर्शन यज्ञ' किया जाएगा। इससे पहले केसीआर ने कहा था कि यज्ञ 1,048 यज्ञ कुंडलों के साथ 100 एकड़ में फैले यज्ञ वाटिका में किया जाएगा।
यादाद्री मंदिर परियोजना क्या है?
यादाद्री में मौजूद श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर हैदराबाद से लगभग 60 किमी दूर है। 14.5 एकड़ में फैले मंदिर परिसर से संबंधित परियोजना को अप्रैल 2016 में लगभग 1600 करोड़ रुपये के बजट के साथ शुरू किया गया था। इसकी मौजूदा कुल लागत करीब 1800 करोड़ रुपये हो गई है।
मंदिर टाउनशिप परियोजना 2500 एकड़ में फैली हुई है। मंदिर का पुनर्निर्माण 2.5 लाख टन ग्रेनाइट से किया गया है। इसे विशेष रूप से आंध्र प्रदेश के प्रकाशम से लाया गया है। मंदिर के सभी पीलर को एक ही पत्थर से बनाया गया है। यही नहीं, मंदिर निर्माण के लिए सीमेंट का उपयोग बिल्कुल नहीं किया गया है।