तेलंगाना चुनाव: टीआरएस ने नायडू को बताया विश्वासघाती, नेता का दावा- महागठंधन हमारे लिए ही होगा 'वरदान'
By भाषा | Published: November 29, 2018 04:43 PM2018-11-29T16:43:15+5:302018-11-29T16:43:15+5:30
सत्तारूढ़ पार्टी के लिये सबसे बड़े संकटमोचक माने जाने वाले मंत्री टी हरीश राव ने राव ने कहा कि तेलंगाना गौरव सिर्फ आत्मसम्मान की बात है। तेदेपा का कांग्रेस के साथ हाथ मिलाना उनकी पार्टी टीआरएस के लिये ‘‘एक वरदान’’ ही है।
तेलंगाना विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही दिन शेष रह गये हैं और धुआंधार चुनाव प्रचार में जुटी के. चंद्रशेखर राव की पार्टी टीआरएस चंद्रबाबू नायडू को रोकने के लिये तेलंगाना गौरव का आह्वान कर रही है।
नायडू एक ‘‘विश्वासघाती’’ हैं
सत्तारूढ़ पार्टी के लिये सबसे बड़े संकटमोचक माने जाने वाले मंत्री टी हरीश राव ने कहा कि तेलंगाना के लोगों के लिये नायडू एक ‘‘विश्वासघाती’’ हैं और उन्हें ‘‘अप्रत्यक्ष रूप से राज्य पर नियंत्रण’’ करने से रोकने की जरूरत है।
राव ने अपने चुनावी कार्यक्रम को लेकर पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘अगर नायडू तेलंगाना नहीं आते तो हम तेलंगाना गौरव की बात नहीं करते। यह मुद्दा नहीं उठता अगर कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ती। चूंकि नायडू ‘महाकुटमी’ (विपक्षी पार्टियों के महागठबंधन) का हिस्सा हैं इसलिए निश्चित रूप से तेलंगाना गौरव की बात सामने आयेगी।’’
राव ने कहा कि तेलंगाना गौरव सिर्फ आत्मसम्मान की बात
घर-घर जाकर चुनाव प्रचार करने से लेकर रैलियों को संबोधित करने तक राव अपने चाचा के चंद्रशेखर राव (केसीआर) की राज्य में दूसरी बार सत्ता में वापसी सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते।
राव ने कहा कि तेलंगाना गौरव सिर्फ आत्मसम्मान की बात है। तेदेपा का कांग्रेस के साथ हाथ मिलाना उनकी पार्टी टीआरएस के लिये ‘‘एक वरदान’’ ही है।
टीआरएस तेलंगाना की 119 में से 107 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। तेदेपा कांग्रेस की अगुवाई वाले चार दलों के गठबंधन ‘महाकुटमी’ का हिस्सा है। गठबंधन के दो अन्य दल भाकपा और टीजेएस हैं।
राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान सात दिसंबर को और मतगणना 11 दिसंबर को है।
महाकुटमी को पूरी तरह असफल बताते हुए टीआरएस नेता ने कहा कि उनकी पार्टी कांग्रेस और भाजपा दोनों से ही दूरी बनाए हुए है।