तेलंगाना सीएम के. चंद्रशेखर राव का बड़ा ऐलान, जल्द करेंगे एक राष्ट्रीय पार्टी का गठन
By रुस्तम राणा | Published: September 11, 2022 07:24 PM2022-09-11T19:24:11+5:302022-09-11T19:52:52+5:30
तेलंगाना सीएम के. चंद्रशेखर राव ने रविवार को राष्ट्रीय पार्टी के गठन की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही एक राष्ट्रीय पार्टी शुरू करेंगे और नीतियां बनाने का काम जारी है।
हैदराबाद: तेलंगाना राष्ट्र समिति के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने अटकलों पर विराम लगाते हुए रविवार को राष्ट्रीय पार्टी के गठन की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही एक राष्ट्रीय पार्टी शुरू करेंगे और नीतियां बनाने का काम जारी है।
राव के कार्यालय से एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है, "विभिन्न क्षेत्रों के बुद्धिजीवियों, अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों के साथ लंबी चर्चा के बाद वैकल्पिक राष्ट्रीय एजेंडे पर आम सहमति बनी है, जैसा कि हमने तेलंगाना आंदोलन की शुरुआत से पहले किया था।" बहुत जल्द, एक राष्ट्रीय पार्टी का गठन और उसकी नीतियों का निर्माण होगा।
रविवार को ही केसीआर ने कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी से मुलाकात की। टीआरएस के अनुसार, सीएम केसीआर ने वर्तमान स्थिति में क्षेत्रीय दलों की भूमिका और राष्ट्रीय राजनीति में सीएम केसीआर की महत्वपूर्ण भूमिका सहित विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। इससे पहले केसीआर विपक्षी पार्टियों के नेताओं से भी मुलाकात कर चुके हैं।
Former CM of Karnataka Sri @hd_kumaraswamy met with CM Sri K. Chandrasekhar Rao at Pragati Bhavan today.
— TRS Party (@trspartyonline) September 11, 2022
They discussed various important issues including the role of regional parties in the current situation and the key role that CM KCR should play in national politics. pic.twitter.com/ehZbyCl0Gw
सियासी अटकलें लगाई जा रही हैं कि केसीआर 5 अक्टूबर को दशहरा के मौके पर हैदराबाद में होने वाली सार्वजनिक सभा में नई पार्टी की घोषणा कर सकते हैं। उनकी नई पार्टी का नाम भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) हो सकता है।
इस ऐलान के साथ ही केसीआर के 2024 के लिए प्रधानमंत्री उम्मीदवारी का अनौपचारिक ऐलान भी माना जाएगा हालांकि पार्टी सूत्रों का कहना है कि केसीआर अगले विधानसभा चुनाव तक सीएम बने रहेंगे। महत्वपूर्ण बात ये भी है कि उनके इस ऐलान से विपक्षी एकजुटता को झटका लग सकता है। इससे ठीक पहले उन्होंने विपक्ष को एकजुट करने की कवायद की थी।