तेजस्वी के MY पर भारी पड़ा नीतीश का फैक्टर, यहां पढ़ें कैसे कमाई के नारे पर 'जंगलराज' के खौफ ने फेर दी झाड़ू

By स्वाति सिंह | Published: November 11, 2020 05:33 PM2020-11-11T17:33:33+5:302020-11-11T17:41:38+5:30

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा प्रमुख जे पी नड्डा समेत राजग पहले ही कुमार को मुख्यमंत्री पद का अपना उम्मीदवार घोषित कर चुका हैं। इसलिए भले ही कुमार की पार्टी का प्रदर्शन गिरा है, कुमार चौथी बार सरकार का नेतृत्व करेंगे।

Tejaswi yadav MY hit on Nitish kumar factor, here know how Jungleraj fear revived | तेजस्वी के MY पर भारी पड़ा नीतीश का फैक्टर, यहां पढ़ें कैसे कमाई के नारे पर 'जंगलराज' के खौफ ने फेर दी झाड़ू

बिहार चुनाव में राजग को पूर्ण बहुमत, राजद बनी सर्वाधिक सीटें हासिल करने वाली पार्टी

Highlightsनीतीश कुमार के नेतृत्व वाले NDA ने 125 सीटों पर जीत प्राप्त कर बहुमत का जादुई आंकड़ा हासिल कर लिया। राजद 75 सीटें अपने नाम करके सबसे बड़ी एकल पार्टी के रूप में उभरा है।

पटना: बिहार में सत्ता विरोधी लहर और विपक्ष की कड़ी चुनौती को पार करते हुए नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने 243 सीटों में से 125 सीटों पर जीत प्राप्त कर बहुमत का जादुई आंकड़ा हासिल कर लिया। भले ही राजग ने बहुमत हासिल किया है, लेकिन इस चुनाव में विपक्षी ‘महागठबंधन’ का नेतृत्व कर रहा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) 75 सीटें अपने नाम करके सबसे बड़ी एकल पार्टी के रूप में उभरा है।

मतगणना के शुरुआती घंटों में बढ़त बनाती नजर आ रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 16 घंटे चली मतों की गिनती के बाद 74 सीटों के साथ दूसरा स्थान मिला। विपक्षी महागठबंधन ने कुल 110 सीटें जीतीं। पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के बेटे तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद के सर्वाधिक सीटें हासिल करने के बावजूद महागठबंधन बहुमत हासिल नहीं कर पाया। राजग के बहुमत हासिल करने के साथ ही नीतीश् कुमार के लगातार चौथी बार मुख्यमंत्री बनने की राह साफ हो गई है। हालांकि इस बार उनकी पार्टी जद(यू) को 2015 जैसी सफलता नहीं मिली है।

नीतीश के पीछे महिलाओं की सेना 

जद(यू) को 2015 में मिली 71 सीटों की तुलना में इस बार 43 सीटें ही मिली हैं। उस समय कुमार ने लालू प्रसाद की राजद और कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव जीता था। इस चुनाव के तीसरे चरण में 65.5 फीसदी और दूसरे चरण में 58.8 फीसदी महिलाओं ने वोटिंग की। इन दोनों ही चरणों में महिलाओं ने पुरुषों से ज्यादा वोटिंग की। तीसरे चरण में पुरुषों की तुलना में 11 फीसदी ज्यादा महिलाओं ने वोट किया और दूसरे चरण में यह अंतर 6 फीसदी का रहा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा प्रमुख जे पी नड्डा समेत राजग पहले ही कुमार को मुख्यमंत्री पद का अपना उम्मीदवार घोषित कर चुका हैं। इसलिए भले ही कुमार की पार्टी का प्रदर्शन गिरा है, कुमार चौथी बार सरकार का नेतृत्व करेंगे। जद(यू) को चिराग पासवान की लोकतांत्रिक जनता पार्टी (लोजपा) के कारण काफी नुकसान झेलना पड़ा है। लोजपा को एक सीट पर जीत मिली, लेकिन उसने कम से कम 30 सीटों पर जदयू को नुकसान पहुंचाया। जद(यू) के प्रवक्ता के सी त्यागी ने नयी दिल्ली में बताया कि एक ‘‘साजिश’’ के तहत नीतीश कुमार के खिलाफ ‘‘अपमानजनक अभियान’’ चलाया गया। उन्होंने बगैर किसी का नाम लिए कहा, इसमें ‘‘अपने भी शामिल थे और बेगाने भी।’’

नीतीश कुमार ही होंगे बिहार के CM 

उन्होंने हालांकि उम्मीद जताई कि नीतीश कुमार फिर से बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि नीतीश कुमार ही राजग सरकार का नेतृत्व करेंगे। भाजपा की बिहार इकाई के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने गठबंधन की जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को दिया। उन्होंने कहा, ''राजग ने अपनी गरीब हितैषी नीतियों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण जीत दर्ज की। जनता ने मोदी के नेतृत्व पर एक बार फिर विश्वास जताया है।''

जायसवाल ने कहा कि दोनों दल एक साथ लड़े और चुनाव से पहले ही नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया गया था। भाजपा की 74 और जदयू की 43 सीटों के अलावा सत्तारूढ़ गठबंधन साझीदारों में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा को चार और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को चार सीटें मिलीं।

ये रहे बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजें  

विपक्षी महागठबंधन में राजद को 75, कांग्रेस को 19, भाकपा माले को 12 और भाकपा एवं माकपा को दो-दो सीटों पर जीत मिली। इस चुनाव में एआईएमआईएम ने पांच सीटें और लोजपा एवं बसपा ने एक-एक सीट जीती है। एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार जीतने में सफल रहा है। हालांकि जद(यू) की घटी हुई ताकत के बाद भाजपा मंत्रिपदों के बंटवारे में अधिक हिस्सा दिए जाने का दबाव बना सकती है। महागठबंधन को मुस्लिम वोट बंटने का भी नुकसान हुआ। मुस्लिम वोट एआईएमआईएम, बसपा और आरएसएलपी समेत पार्टियों के बीच बंटने का लाभ राजग को मिला। असदुद्दीन आवैसी की एआईएमआईएम ने चुनाव में हैरान करते हुए पांच सीटों पर कब्जा किया और उसकी सहयोगी बसपा ने भी एक सीट पर जीत हासिल की।

तेजस्वी यादव पिछले साल लोकसभा चुनाव में राजद के खाता भी न खोल पाने के बाद इस बार पार्टी को सर्वाधिक सीटें जीतने वाली पार्टी बनाने में कामयाब रहे। मुख्य रूप से दो गठबंधनों के बीच हुए इस मुकाबले में वाम दलों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया। भाकपा माले को 12 और उसके बाद भाकपा एवं माकपा को दो-दो सीटें मिली। निवर्तमान विधानसभा में भाकपा माले की तीन सीटों के अलावा सदन में वाम दलों की कोई मौजूदगी नहीं थी। तेजस्वी यादव और तेज प्रताप ने राघोपुर एवं हसनपुर सीटों पर क्रमश: 38,174 और 21,139 मतों के अंतर से शानदार जीत हासिल की। (भाषा इनपुट के साथ)

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